प्रधानमंत्री मोदी ने आकाश विजयवर्गीय के केस पर हाल ही नाराजगी जाहिर की थी। मोदी को खफा होते देख ना सिर्फ आकाश बल्कि उनके पिता कैलाश विजयवर्गीय भी लाइन पर आ गए हैं। पार्टी के सुप्रीमो की नाराजगी दोनों के लिए कितनी हानिकारक हो सकती है यह बात वे बहुत अच्छे से जानते हैं। यही कारण है कि अब तक अपने बेटे को फुल सपोर्ट कर रहे कैलाश के गर्म तेवर अब नरम होते दिख रहे हैं। हाल ही एक इंटरव्यू में जब कैलाश से मोदी की नाराजगी पर सवाल किया गया तो उनका कहना था, ‘प्रधानमंत्री हमारे परिवार के मुखिया हैं। मेरे लिए पिता तुल्य और आकाश के लिए पितामह समान हैं। उन्होंने डांट भी दिया तो उसमें कोई बुराई नहीं। परिवार के मुखिया को यह अधिकार होता है कि वह गलती करने पर टोके, उसमें सुधार के लिए कहे। उनकी डांट से भी सुधार ही होगा।’
गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा जर्जर घोषित मकान को तोड़ने की कार्रवाई नहीं रोकने से नाराज आकाश ने क्रिकेट बैट से निगम अधिकारी की पिटाई कर दी थी। दो जुलाई को दिल्ली में आयोजित संसदीय दल की पहली बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने आकाश का नाम लिए बिना घटना की तीखे शब्दों में निंदा की थी।
जब कैलाश से पूछा गया कि आप अपने बेटे का अब तक समर्थन कर रहे थे तो इस पर उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा, ‘मैंने कभी नहीं कहा कि आकाश ने ठीक किया। मैंने तो पहले ही बताया था कि आकाश और निगमायुक्त दोनों ही कच्चे खिलाड़ी हैं। यह भी कहा था कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। घटना भले ही तात्कालिक आवेश में घटी हो, लेकिन जो गलत है, वो तो गलत ही है। उसका समर्थन नहीं किया जा सकता।’
खैर, राजनीति शायद कहते ही इसे हैं, जिसमें बयानों की उम्र ज्यादा लम्बी नहीं होती। कब कौन अपने फायदे के लिए पलट जाए कहा नहीं जा सकता।