कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. माधव राव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य ने हाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से 10 मार्च को इस्तीफा दिया। उन्होंने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता की। ज्योतिरादित्य को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में पार्टी में शामिल किया। इस अवसर पर जेपी नड्डा ने उनका पार्टी में आने पर स्वागत किया। पार्टी ज्वॉइन करने के अवसर पर ज्योतिरादित्य ने कहा, ‘मैं जेपी नड्डा जी, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे अपने परिवार में जगह दी।
ज्योतिरादित्य ने आगे कहा कि मेरे जीवन में ऐसी 2 तारीखें महत्त्वपूर्ण है जिन्होंने मेरा जीवन बदल दिया। एक, 30 सितंबर 2001 का दिन, जब मैंने अपने पिता को खो दिया और दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी, जहां जीवन में एक नई परिकल्पना और नया एक मोड़ का सामना करके एक नया निर्णय लिया है। मैंने सदैव माना है कि हमारा लक्ष्य इस भारत मां की जनसेवा होना चाहिए और राजनीति केवल उस लक्ष्य की प्राप्ति का साधन होना चाहिए।
क्यूं कहा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पहले जैसी नहीं
भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन करने के अवसर पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब वह पार्टी नहीं रही जो पहले थी। उन्होंने कहा कि मैं विश्वासके साथ कह सकता हूं कि अब उस पार्टी (कांग्रेस) में रह कर सार्वजनिक सेवा का उद्देश्य पूरा नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, पार्टी की वर्तमान स्थिति से यह साफ झलकता है कि यह वैसा नहीं है जैसा वह हुआ करती थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले थी वो आज नहीं रही, उसके तीन मुख्य बिंदु हैं। एक- वास्तविकता से इनकार करना, दूसरा- नई विचारधारा और तीसरा नेतृत्व को मान्यता नहीं मिलना।
क्या कारण है कांग्रेस की लोकप्रियता कम होने के
जैसा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस पार्टी नई विचारधारा को स्वीकार नहीं कर रही है। यानी पार्टी के युवा कार्यकर्ता हैं उन्हें आगे लाने से डर रही है। जिस प्रकार वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस के दो युवा चेहरे इन राज्यों की कमान संभालने के लिए तैयार थे लेकिन उम्रदराज और सत्ता लोलुपों की वजह से उन्हें वंचित होना पड़ा।
यूं तो कांग्रेस पार्टी का इतिहास काफी पुराना है। कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। परंतु आजादी से पहले की कांग्रेस पार्टी भारतीय जनमानस में बसती थी। क्योंकि इस पार्टी का देश की आजादी में बड़ा योगदान था। तो फिर क्या कारण रहा कि आज कांग्रेस पार्टी की देश में प्रसिद्धि का ग्राफ तेजी से गिर रहा है।
कांग्रेस पार्टी में आजादी के बाद पार्टी के कई बड़े नेताओं की उपेक्षा हुई जिससे कई राजनेताओं ने अलग पार्टी बना ली या अन्य पार्टियों में चले गए। जो पार्टी को कमजोर करने के कारणों में से एक रहा है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई तो एक सपना था, लेकिन वो बिखर चुका है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने वादे पूरे नहीं किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहकर जनसेवा नहीं की जा सकती। किसानों के कर्ज 18 माह बाद भी माफ नहीं किए गए। न ही युवाओं के लिए रोजगार उत्पन्न किए जा रहे हैं।