डॉ. प्रिंयका रेड्डी हम शर्मिंदा हैं तुम्हारी मौत पर। कल से सोशल मीडिया पर ट्रेडिंग हो रहा है ‘जस्टिस फॉर प्रियंका रेड्डी’। मगर हम जानते हैं कि हम तुम्हे न्याय नहीं दिला पाएंगे। चाहे कितने भी नारे लगा लें। चाहे कितने प्रोटेस्ट कर लें और चाहे कितने लोग मोमबत्त्यिां लेकर मार्च कर लें। देशवासी चाहे तुम्हारे न्याय की मांग में पूरा सोशल मीडिया भर दें। इन सब से होगा कुछ नहीं।
प्यारी, प्रियंका तुमको याद होगा दिल्ली में हुआ निर्भया कांड लगभग वैसा ही तुम्हारे साथ हुआ। निर्भया कांड के आरोपी अभी तक जिंदा हैं और उनमें से एक बलात्कारी को नाबालिग कहकर छोड़ दिया गया है।
हम बस आंसू बहा सकते हैं तुम्हारी निर्मम हत्या के लिए। कैसे दरिंदों ने तुम्हारे शरीर को वहशीयत के साथ नोंचा होगा। तुम्हारी आबरू लूटकर भी उनको चैन नहीं पड़ा होगा तब उन्होंने तुम पर पेट्रोल डाला होगा। शायद उनकी रूह ना कांपी होगी जब तुमको जिंदा जलाया होगा। इस देश की होनहार बेटी तुम कितना तड़पी होगी। डॉक्टर तो बन गई थी तुम मगर तुम्हारी काबलियित और पढ़ाई भी तुमको बचा नहीं पाई। इस देश के नेता नारे देते हैं ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’।
तुम खुशनसीब थी कि मां की कोख में जिंदा बच गई। तुम खुशनसीब थी कि पढ़—लिखकर डॉक्टर बन पाई। काबिल भी थी कि नेक काम कर रही थी। मगर तुम्हारी ये काबलियत इस देश में किसी काम की नहीं है। इससे अच्छा तो देश की बेटियों को हम जूड़ो—कराटे और आत्मरक्षा की ही पढ़ाई पढ़ाए। इन बेटियों को अब सरकार से उम्मीद रखना बंद करना होगा।
देश की बेटियों को पढ़ना भी खुद है और जिंदा भी खुद रहना है। खुद की रक्षा के लिए अब प्रियंका सरीखी बेटियों को खुद ही उतरना होगा। बेटियों को एक पिस्तौल या हथियार लेकर चलना होगा। जब कोई दरिंदा पास आता दिखे तो गोली खुद ही चलानी होगी। ऐसी मौत से कहीं अच्छा होगा कि लड़कियां बलात्कारी की जान ले लें और फिर गर्व से जेल चली जाएं। तय है उस समय भी हम न्याय नहीं दिला पाएंगे जब कोई लड़की एक बलात्कारी को गोली मारने की सजा पाकर जेल चली जाएगी!