दुनिया के सामने कई देशों की सरकारों और संगठनों की गोपनीय जानकारी विकीलीक्स वेबसाइट पर प्रकाशित कर चर्चा में आए असांजे को लंदन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जूलियन असांजे विकीलिक्स के संस्थापक है और उन्होंने लंदन में इक्वेडोर के दूतावास में शरण ले रखी थी। जहां असांजे ने पिछले 7 सालों से रहा था।
वर्ष 2012 में असांजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। उन्हें वारंट जारी करने से पहले आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने नहीं किया। 47 वर्षीय जूलियन असांजे पर विकीलिक्स वेबसाइट के माध्यम से गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजिनक का आरोप है। असांजे के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग ने भी आपराधिक मुकदमा दायर कर रखा है।
जूलियन असांजे कौन है?
बायोग्राफी डॉट कॉम के अनुसार जूलियन असांजे का जन्म ऑस्ट्रेलिया में 3 जुलाई, 1971 को हुआ था। वे एक कंप्यूटर प्रोग्रामर, पत्रकार के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।
मां ने उन्हें 16 साल की उम्र में कम्प्यूटर गिफ्ट में दिया था तबसे ही उन्हें हैकिंग में सिद्धहस्त हो गये। असांजे ने कंप्यूटर प्रोग्रामर और सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की और इसके लिए उन्होंने मेलबोर्न विश्वविद्यालय में गणित की शिक्षा ली, हालांकि उन्होंने नैतिक कारणों का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय छोड़ दिया।
1991 में असांजे ने नॉर्टल नाम की एक टेलीकॉम कंपनी के मास्टर टर्मिनल को हैक कर लिया था और कंपनी को संकट में डाल दिया था।
तबसे हैकिंग के मामले में ऑस्ट्रेलिया में ही असांजे पर 30 से अधिक केस दर्ज हैं।
AFP News Agency : British police arrest Wikileaks founder Julian Assange pic.twitter.com/Gry9G3wULw
— ANI (@ANI) April 11, 2019
असांजे ने 2006 में एक बेवसाइट विकीलिक्स शुरू की थी। उन्होंने इसके जरिये विभिन्न देशों की सरकारों और संगठनों की गुप्त जानकारियों को अपनी इस वेबसाइट पर प्रकाशित करके तहलका मचा दिया। इससे उनकी चारों तरफ से आलोचना भी हुई। टाइम मैगजीन ने उन्हें वर्ष 2010 का ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ के खिताब से नवाजा।
उसके बाद असांजे के ऊपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा, जिसके बाद वे वर्ष 2012 से लंदन के इक्वाडोर दूतावास में शरणार्थी बन कर रहे थे।
उन पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2016 में असांजे एक बार फिर चर्चा में आ गये। 2016 में उनकी वेबसाइट विकीलिक्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन और डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के हजारों ईमेल प्रकाशित किए और इसका असर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर भी पड़ा। असांजे पर 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हैकर्स की मदद से क्लिंटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटरों से दस्तावेज चोरी करने का भी आरोप है।