क्रिकेट की दुनिया के अबतक के बेस्ट फील्डर और पूर्व दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी जोंटी रोड्स आज 27 जुलाई को अपना 54वां अपना जन्मदिन मना रहे हैं। रोड्स का जन्म वर्ष 1969 में दक्षिण अफ्रीका के पीटरमैरिट्सबर्ग में हुआ था। उनका पूरा नाम जोनाथन नील रोड्स हैं। लेकिन बतौर क्रिकेटर उन्हें जोंटी रोड्स के नाम से जाना जाता है। उन्हें ‘रबड़ का गुड्डा’ भी कहा जाता है। रोड्स ने विश्व क्रिकेट में क्षेत्ररक्षण के स्तर को नई ऊँचाइयों पर लेने का काम किया। उनका भारत के साथ बहुत ही गहरा जुड़ाव है, जोकि उनकी बेटी के नाम से साबित हो जाता है। इस ख़ास अवसर पर जानिए अपने समय के दिग्गज क्षेत्ररक्षक जॉन्टी रोड्स के जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
नेशनल लेवल पर हॉकी खेल चुके हैं रोड्स
जोंटी रोड्स के बारे में सबसे मजेदार बात यह है कि वह दो बार हॉकी टीम के साथ ओलिम्पिक खेलने से चूक गए। दरअसल, हुआ कुछ यूं कि रोड्स क्रिकेट से पहले साउथ अफ्रीका के लिए नेशनल लेवल पर हॉकी खेला करते थे। रोड्स वर्ष 1992 में साउथ अफ्रीकन हॉकी टीम के सदस्य थे, लेकिन उस वर्ष हुए ओलिम्पिक के लिए अफ्रीका की टीम क्वालीफाई नहीं कर सकीं और रोड्स इस तरह ओलिम्पिक का हिस्सा बनने से रह गए। इसके करीब 4 साल बाद जब वर्ष 1996 के ओलिम्पिक के लिए साउथ अफ्रीकन टीम ने रोड्स को ओलंपिक ट्रायल के लिए फिर बुलाया था, लेकिन उस वक्त वह घुटने की चोट के कारण एक बार फिर ओलिम्पिक खेलने से चूक गए।
1992 के विश्व कप में वनडे डेब्यू किया और स्टार बन गए रोड्स
जोंटी रोड्स ने अपने वनडे करियर की शुरुआत वर्ष 1992 के विश्व कप में 26 फरवरी को सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेले गए मैच में की। इस विश्व कप ने रोड्स को स्टार क्रिकेटर भी बना दिया। वर्ष 1992 के विश्व कप मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पहले बल्लेबाजी की और 211 रनों का लक्ष्य दिया।
दूसरी पारी की शुरुआत में बारिश हुई जिसके कारण पाकिस्तान को 36 ओवरों में 194 रनों का नया लक्ष्य दिया गया। 194 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाक टीम ने जोरदार शुरुआत की और 2 विकेट पर 135 रन बनाकर अच्छी स्थति में पहुंच चुकी थी। उस समय इंजमाम-उल-हक और कप्तान इमरान खान बल्लेबाजी कर रहे थे और इंजमाम 48 रन के निजी स्कोर पर थे।
इस दौरान इंजमाम-उल-हक ने एक शॉट खेला और रन लेने के लिए दूसरे छोर की ओर भागे लेकिन, इमरान खान ने उन्हें वापस भेज दिया। गेंद रोड्स की ओर बढ़ी जो पॉइंट पर फील्डिंग कर रहे थे। उन्होंने गेंद पकड़ी और स्टंप की तरफ दौड़ लगाकर एक लंबी छलांग के साथ स्टंप पर जा गिरे। यह क्रिकेट इतिहास का एक असंभव लगने वाला रन आउट था। उस रन आउट के बाद पाकिस्तान की टीम 173 पर ढ़ेर हो गईं और साउथ अफ्रीका ने यह मैच 20 रनों से जीता लिया। यह रन आउट विश्व कप का सबसे प्रसिद्ध रन आउट बन गया और जोंटी रोड्स ने इस तरह क्रिकेट की दुनिया में एक असाधारण क्षेत्ररक्षक के तौर पर अपनी अलग पहचान पाई।
एक पारी में सबसे ज्यादा कैच लपकने का रिकॉर्ड
एकदिवसीय मैच की एक पारी में सबसे ज्यादा कैच पकड़ने का रिकॉर्ड जोंटी रोड्स के नाम हैं। 14 नवम्बर, 1993 को वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ मुंबई में हुए एक मैच के दौरान जोंटी रोड्स ने कुल 5 कैच लपके। इस मैच में रोड्स ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए 40 रनों का योगदान दिया, जिसके कारण उन्हें ‘मैन ऑफ़ द मैच’ से सम्मानित किया गया। रोड्स के बारे में एक और सबसे दिलचस्प बात यह है कि वह क्रिकेट की दुनिया के इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं, जिसने अंतिम एकादश का हिस्सा न होने के बावजूद ‘मैन ऑफ़ द मैच’ अवॉर्ड हासिल किया है।
ऐसा रहा जोंटी रोड्स का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर
एक दशक से ज्यादा समय तक दक्षिण अफ्रीका टीम के सदस्य रहे जोंटी रोड्स ने अपने वनडे करियर में कुल 245 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 2 शतक और 33 अर्धशतकों की मदद से 5935 रन बनाए। वहीं, 52 टेस्ट मैचों में 3 शतक और 17 अर्धशतक लगाकर अपने नाम 2532 रन दर्ज करवाए। रोड्स ने वर्ष 2000 में टेस्ट क्रिकेट और वर्ष 2003 में विश्व कप के बाद एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था।
रिटायरमेंट के बाद बैंक जॉब और बतौर कोच किया काम
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रोड्स ने स्टैंडर्ड बैंक में बतौर अकाउंट एग्जीक्यूटिव काम किया और साथ ही साउथ अफ्रीका में बैंक की क्रिकेट स्पॉन्सरशिप में भी शामिल रहे थे। इसके बाद वो राष्ट्रीय टीम के फील्डिंग कोच भी रहे। रोड्स करीब एक दशक तक आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम के फील्डिंग कोच रहे। इसके बाद वो लीग के तेरहवें सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब टीम के साथ जुड़ गए। उन्होंने केन्या टीम के साथ बतौर फील्डिंग और बैटिंग असिस्टेंट कोच काम किया।
अप्रैल 2013 में अफ्रीकन टूरिज्म ने जोंटी रोड्स को भारत के लिए ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया। इसके अलावा रोड्स विश्वकप के दौरान पीटीवी स्पोर्ट्स और याहू पर बतौर एक्सपर्ट जुड़े रहे हैं। सितंबर 2020 में स्वीडिश क्रिकेट फेडरेशन ने उनके साथ अनुबंध साइन किया। अब वह स्थायी रूप से स्वीडन में रहकर कोचिंग दे रहे हैं। जोंटी रोड्स को आईपीएल-2023 सीज़न की शुरुआत से पहले लखनऊ सुपर जायंट्स ने अपने क्षेत्ररक्षण कोच के रूप में नियुक्त किया।
बेटी ‘इंडिया’ के जन्म पर पीएम मोदी ने दी थी बधाई
वर्ष 2015 में आईपीएल के दौरान जोंटी रोड्स मुंबई इंडियंस टीम के फील्डिंग कोच थे और तब उनका परिवार भी भारत में ही था। 24 अप्रैल को मुंबई के एक अस्पताल में रोड्स की पत्नी केट ने एक बच्ची को जन्म दिया। दोनों ने अपनी इस बच्ची का नाम ‘इंडिया’ रखा। वर्ष 2017 में जिस दिन जोंटी रोड्स की बेटी इंडिया का जन्मदिन था, उस दिन उन्होंने एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की। इस तस्वीर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनकी बेटी को बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘हैप्पी बर्थडे टू इंडिया, फ्रॉम इंडिया।’ जिसके बाद पीएम का यह ट्वीट पर वायरल हो गया और कई बार रिट्वीट किया गया। इस तरह जोंटी रोड्स का इंडिया के प्रति लगाव साफ झलकता है।
Happy birthday to India, from India. 🙂 https://t.co/DbOZFEKLe9
— Narendra Modi (@narendramodi) April 23, 2017
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