बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल फागू चैहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश की पार्टी जदयू ने एनडीए से गठबंधन तोड़ दिया है और वह महागठबंधन के साथ चले गए हैं। अपने इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के घर पहुंचे। यहां से नीतीश के साथ तेजस्वी यादव और कांग्रेस के भक्त चरण दास मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। यहां हुई बैठक में नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुना गया।
अब नीतिश आठवीं बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
जदयू के संस्थापक नीतीश कुमार अब आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। लेकिन, इस बार उनकी सरकार का गणित और सहयोगी सब बदले हुए होंगे। महज 45 विधायकों वाली उनकी पार्टी राज्य की सत्ता में बनी रहेगी। बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद के साथ कांग्रेस, वाम दल और जीतन राम माझी की पार्टी ‘हम’ भी इस गठबंधन का हिस्सा होंगे।
महागठबंधन सरकार के पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली महागठबंधन सरकार को 163 विधायकों का समर्थन हासिल होगा। जो नीतीश की एनडीए सरकार के 127 विधायकों के समर्थन से काफी ज्यादा है। नई नीतीश सरकार में राजद के 79 विधायक, कांग्रेस के 19 विधायक, वाम दलों के 16 विधायक और जीतनराम मांझी की हम पार्टी के चार विधायक भी शामिल हैं।
भाजपा ने बताया बिहार के साथ धोखा
बिहार सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जयसवाल ने कहा, आज जो कुछ हुआ वह बिहार की जनता के साथ धोखा है। यह उस जनादेश का उल्लंघन है जो बिहार की जनता ने दिया था। बिहार की जनता इसके कतई भी बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रेस कांफ्रेस में बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, विधायक नितिन नवीन जैसे नेता मौजूद रहे।
मांझी की पार्टी ने किया नीतीश को समर्थन का ऐलान
नीतीश के इस्तीफे के पहले ही जीतनराम मांझी की पार्टी का बयान आ गया। मांझी की पार्टी हम ने कहा कि हमारी पार्टी नीतीश कुमार के साथ है। जीतनराम मांझी की पार्टी के चार विधायक हैं। सूत्रों के अनुसार, नई नीतीश सरकार में साल 2015 की तरह तेजस्वी डिप्टी सीएम होंगे। कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी मिल सकती है।
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