भारतीय क्रिकेट टीम के युवा तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह चोट के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2 अक्टूबर से होने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज से बाहर हो गए हैं। बुमराह का टीम से बाहर होना भारतीय टीम के लिए निराशाजनक है क्योंकि यह सीरीज टेस्ट चैम्पियनशिप का हिस्सा है। उनकी जगह तेज गेंदबाज उमेश यादव को मौका दिया गया है। बुमराह स्ट्रेस फ्रैक्चर नामक चोट से परेशान है, जो उन्हें अपने अलग गेंदबाजी एक्शन की वजह से लगी है।
स्ट्रेस फ्रैक्चर क्या है
स्ट्रेस फ्रैक्चर हड्डियों में आने वाली एक छोटी दरार है। यह चोट खेल के दौरान देखने को मिलती है। ज्यादातर रनर्स, एथलीट, फुटबॉल और बास्केटबॉल के खिलाड़ियों में यह चोट देखने को मिलती है। स्ट्रेस फ्रैक्चर में आमतौर पर तेज दर्द होता है।
क्रिकेट में तेज गेंदबाज अकसर इस चोट से परेशान रहते हैं। इन गेंदबाजों के पैर और कमर में स्ट्रेस फ्रैक्चर होना आम बात है। एक बार इस चोट से ग्रस्त होने के बाद उन्हें यह तकलीफ बार—बार परेशान करती है। कई बार यह चोट नई एक्सरसाइज करने, वर्कआउट बढ़ाने की वजह से भी हो जाती है।
ये तेज गेंदबाज स्ट्रेस फ्रैक्चर से रहे परेशान
बुमराह पहले ऐसे तेज गेंदबाज नहीं है जो इस चोट की वजह से बाहर हुए हैं। उनसे पहले क्रिकेट की दुनिया के कई गेंदबाज इस चोट की वजह से बाहर हो चुके हैं। ये गेंदबाज भी अपने अलग बॉलिंग एक्शन की वजह से स्ट्रेस फ्रैक्चर के शिकार हुए हैं। इन गेंदबाजों में जेफ थॉमसन, डेनिस लिली, इमरान खान, जेसन गिलेस्पी, ब्रेट ली, शेन बॉन्ड, लसिथ मलिंगा, मिचेल स्टार्क, वरुण एरोन और अब बुमराह शामिल हैं।
जेसन गिलेस्पी ने स्ट्रैस फ्रैक्चर के कारण कम किया रनअप
ऑस्ट्रेलियाई टीम के तेज गेंदबाज रहे जेसन गिलेस्पी ने बैक स्ट्रेस फ्रैक्चर की वजह से अपना बॉलिंग एक्शन बदल लिया था। अपने लंबे रनअप और बॉलिंग एक्शन की वजह से वह चोटिल होते रहते थे। बाद में उन्होंने अपना रनअप कम किया तो फिर आराम मिला।
लसिथ मलिंगा का बॉलिंग एक्शन
श्रीलंका के तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा का गेंदबाजी एक्शन सबसे अलग है। वह जेफ थॉमसन के बाद लो एक्शन से स्लिंगर और नीची गेंद फेंकने वाले पहले खिलाड़ी हैं। मलिंगा लो राउंड आर्म एक्शन की वजह से व्हाइट बॉल क्रिकेट का लीजेंड बने हैं। इसकी वजह से वह डेथ ओवर्स में किफायती और सटीक लाइनलेंथ के साथ गेंदबाजी करते हैं। मलिंगा को इस एक्शन की वजह से कमर में स्ट्रेस फ्रैक्चर की चोट अक्सर रहती थी। इस कारण उन्होंने वर्ष 2011 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
ऑस्ट्रेलिया के स्ट्राइक गेंदबाज रहे ब्रेट ली भी कमर में स्ट्रेस फ्रैक्चर, टखने और कोहनी की चोट से परेशान रहे। इससे निजात पाने के लिए उन्होंने रनअप को 30 मीटर से 22 मीटर किया।
न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड भी साइड-ऑन एक्शन की वजह से इस चोट से काफी परेशान रहे थे। उन्होंने भी अपनी गेंदबाजी एक्शन बदला, लेकिन वह अपनी गेंदबाजी की गति कम नहीं कर पाए और 18 टेस्ट मैच खेलने के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया।