जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने अंतिम रिपोर्ट जारी की, जानिए कितनी बढ़ी सीटें

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परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन पर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है। गुरुवार को नई दिल्ली में जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने एक बैठक के बाद रिपोर्ट को जारी किया। जानकारी के अनुसर, आयोग के लिए छह मई 2022 तक अंतिम रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा निर्धारित थी। इससे पहले आयोग की तरफ से मसौदा रिपोर्ट जारी कर जम्मू कश्मीर से सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के जारी होने के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे में जम्मू कश्मीर में चुनाव का बिगुल भी जल्द ही सुनाई दिया जा सकता है।

जम्मू संभाग में छह व कश्मीर में एक सीट बढ़ी

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने से यहां पर सात विधानसभा सीटों में बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट में जम्मू संभाग में छह व कश्मीर संभाग में एक विधानसभा सीट को बढ़ाया गया है। पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए जम्मू कश्मीर में नौ विधानसभा सीटों को आरक्षित करने का प्रावधान किया जा रहा है, जबकि अनुसूचित जाति के लिए पहले की तरह ही सात विधानसभा सीटें आरक्षित रखी गई हैं। जम्मू कश्मीर की नई विधानसभा में कश्मीरी पंडितों और पीओजेके विस्थापितों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

प्रत्येक लोकसभा में होंगे 18 विधानसभा क्षेत्र

जम्मू-कश्मीर की लोकसभा सीटों में भी परिसीमन आयोग ने फेरबदल किया है। अब कश्मीर व जम्मू दोनों संभागों के हिस्से ढाई-ढाई लोकसभा सीटें होंगी। पहले जम्मू संभाग में उधमपुर डोडा व जम्मू तथा कश्मीर में बारामुला, अनंतनाग व श्रीनगर की सीटें थीं। नई व्यवस्था के तहत अनंतनाग सीट को अब अनंतनाग-राजोरी पुंछ के नाम से जाना जाएगा यानी जम्मू सीट से दो जिले राजोरी व पुंछ निकालकर अनंतनाग में शामिल कर किए गए हैं। प्रत्येक लोकसभा सीट में 18 विधानसभा सीटें होंगी। उधमपुर सीट से रियासी जिले को निकालकर जम्मू में जोड़ा गया है।

विधानसभा में मेंबर की संख्या 83 से बढ़कर 90 होगी

राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार विधानसभा की सात सीटें बढ़ाई जानी हैं। इससे विधानसभा में सदस्यों की संख्या 83 से बढ़कर 90 की जानी हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले विधानसभा में सीटों की संख्या 87 थी, जिसमें चार सीटें लद्दाख की थीं। लद्दाख के अलग होने से 83 सीटें रह गईं, जो बढ़ने के बाद 90 हो जाएंगी। परिसीमन आयोग ने सात सीटों में एक सीट कश्मीर और छह सीटें जम्मू संभाग में बढ़ाई हैं।

अक्टूबर में कराए जा सकते हैं विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव अक्टूबर तक हो सकते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फरवरी में कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है। अगले छह से आठ महीने में विधानसभा के चुनाव होंगे। इसमें किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव अमरनाथ यात्रा के बाद कराना ज्यादा मुफीद माना जा रहा है क्योंकि यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए केंद्रीय बल प्रदेश में मौजूद रहेंगे। चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त तामझाम नहीं करना होगा।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा की प्रस्तावित तस्वीर

कुल सीटें: 90
कश्मीर संभाग: 47
जम्मू संभाग: 43
अनुसूचित जनजाति: 09
अनुसूचित जाति: 07

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