जयपुर के युवाओं ने तैयार किया लंबी दूरी के ऑपरेशन करने के लिए यूएवी (ड्राेन)

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UAV-Drone

जयपुर स्थित मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) के छात्रों ने ख़ास तरह का हल्का एरियल सिस्टम यानि ड्रोन तैयार किया है। यह तीन किलो से ज्यादा वजनी सामाने को पहुंचाने या लंबी दूरी के लंबी दूरी के ऑपरेशन करने के लिए उपयुक्त है। इस यूएवी (ड्राेन) स्टार्टअप को एमएनआईटी इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर (एमआईआईसी) की मदद से लाया गया है। इसमें मल्टी राेटर और फिक्स विंग वाले ड्राेन बनाए गए हैं।

ड्रोन को वजन में हल्का बनाने के लिए इसमें कार्बन फाइबर सहित कई मेटेरियल्स का मिश्रण प्रयोग किया गया। युवा छात्रों द्वारा बनाए गए ये ड्रोन एक से 3 घंटे तक हवा में उड़ सकते हैं। इनकी सबसे ख़ास बात यह है कि इनको फाेटाे, वीडियो से निगरानी करने के साथ ही डिमांड के हिसाब से स्पीकर, टीयर गैस या अन्य वजनी सामान पहुंचाने के लिए भी काम में लिया जा सकता है।

ज्योग्राफिकल डेटा कलेक्ट करने में भी उपयोगी

एमएनआईटी के युवाओं द्वारा तैयार किए गए ये ड्राेन बाढ़, भूकंप जैसी स्थिति में खाने के पैकेट, दवाइयां पहुंचाने का काम आसानी से कर सकेंगे। इन्हें टीयर गैस गिराने या सीमा के इलाकों में भी काम लिया जा सकता है। सबसे अच्छी बात है कि ये ड्रोन ज्योग्राफिकल डेटा कलेक्ट करने में भी उपयोगी हैं। इस स्टार्टअप को लाने वाले अंतरिक्ष राजावत और इमरूस खान का कहना है कि वजन में हल्का बनाने के लिए कार्बन फाइबर, बाल्सा वुड, प्लाइवुड, कैब्लार जैसे मेटेरियल इस्तेमाल किया गया है। मल्टी राेटर एक घंटे तक हवा में स्थिर रह सकता है। वहीं, फिक्स विंग में 3 घंटे का बैकअप दिया गया है। इस ड्रोन की रेंज भी 10 किलोमीटर से भी ज्यादा है।

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इतने ड्रोन तैयार कर चुका स्टार्टअप

ड्रोन ​निर्माण बनाने वाले स्टार्टअप का कहना है कि जीआईएस कई कंपनियों काे उपलब्ध करवाया जा चुका है। ड्रोन के लिए अच्छा रेस्पॉन्स आ रहा है। पुलिस व अन्य एजेंसियों के साथ भी इसके उपयोग काे लेकर बात चल रही हैं। स्टार्टअप के लिए काम कर रही टीम अब तक 100 से ज्यादा यूएवी तैयार कर चुकी है। इस ड्रोन को एराे इंडिया शाे में भी प्रदर्शित किया जा चुका है। अब इसे और एडवांस बनाने पर काम किए जाएगा।

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