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राजस्थान में बीजेपी अभी हार के गम से उबर ही रही थी कि इसी बीच पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले जयपुर मेयर चुनाव में एक और झटका लगा है। विष्णु लाटा बीते मंगलवार को जयपुर के नए मेयर के रूप में चुने गए, उन्होंने भाजपा प्रत्याशी मनोज भारद्वाज को महज एक वोट से हराया।
वार्ड नंबर 42 से भाजपा के पार्षद 56 वर्षीय लाटा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस ने भी लाटा का ही समर्थन किया जिससे भाजपाई खेमे से आने वाले वोटों का फायदा भी उन्हें हुआ।
दलबदल के डर से, भाजपा ने अपने पार्षदों को रविवार की रात जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर एक रिसॉर्ट में रखा था और उन्हें चुनाव के लिए मंगलवार सुबह सीधे जयपुर नगर निगम (जेएमसी) कार्यालय लाया गया था। 90 पार्षदों वाली नगर निगम में भाजपा के 63 सदस्य हैं और कांग्रेस के 18 और नौ निर्दलीय हैं। भाजपा के अशोक लाहोटी के विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बनने के बाद मनोज भारद्वाज, डिप्टी मेयर ही अंतरिम महापौर के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे।
वोटिंग के बाद लाटा को 45 मत मिले, जबकि भारद्वाज ने 44 वोट हासिल किए। एक वोट खारिज कर दिया गया।
सरपंच, पार्षद और अब जयपुर के मेयर
मानसरोवर एरिया में रहने वाले लाटा जयपुर के पास सांगानेर के मोना गाँव के मूल निवासी है। उनकी दो बेटियां और एक बेटा है। विष्णु लाटा साल 2014 में भाजपा के टिकट से पहली बार चुनाव जीते और पार्षद बने। पार्षद बनने से पहले लाटा ने जयपुर के मुहाना गांव में सरपंच की भूमिका भी निभाई। ब्राह्मण समुदाय से आने वाले लाटा सांसद रामचरण बोहरा के करीबी माने जाते हैं और 2014 से ही डिप्टी मेयर पद पर दावेदारी पेश कर रहे हैं।
सांगानेर विधानसभा से टिकट भी मांगा
विष्णु लाटा को तेज-तर्रार नेताओं में से माना जाता है, पूर्व मेयर अशोक लाहोटी के पद पर रहते हुए खुलकर बगावत करने वालों में लाटा सबसे आगे थे। इसके अलावा लाटा ने हाल में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान सांगानेर विधानसभा सीट से टिकट भी मांगा था।