कुशीनगर में जगुआर लड़ाकू विमान हादसा : जानें क्या है जगुआर और पुराने हादसों पर एक नजर

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उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सोमवार को वायुसेना का लड़ाकू विमान ‘जगुआर’ हादसे का शिकार हो गया। विमान ने गोरखपुर एयरबेस से उड़ान भरी, उसके कुछ देर बाद ही कुशीनगर के ग्रामीण इलाके के खेतों में जाकर गिरा। विमान गिरने के साथ ही धमाका हुआ और विमान के खेत में गिरते ही उसमें आग लग गई। पायलट ने पैराशूट से कूदकर जान बचाई। गांव वालों की भीड़ उसे देखने के लिए एकत्रित हो गई।
खबरों के मुताबिक, यह एक ‘जगुआर’ लड़ाकू विमान था, जिसे ट्रेनी पायलट कटोच उड़ा रहा था। गोरखपुर एयरबेस से दो हेलीकॉप्टर मौके के लिए उड़ान भर चुके हैं। वायुसेना ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है।

यह खासियत है जगुआर लड़ाकू विमान की
भारतीय वायुसेना में शामिल जगुआर खास किस्म का लड़ाकू विमान है, जिससे दुश्मन की सीमा में काफी अंदर तक घुसकर हमला कर सकते हैं। इसकी खासियत यह है कि यह विमान कम ऊंचाई पर उड़ते हुए दुश्मनों पर हमला करने में सक्षम है।

पिछले साल भी हो चुके हैं हादसे
इससे पहले पिछले साल 20 मार्च 2018 को भी एक वायुसेना का एक लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हो गया था। इस हादसे में पायलट अरविंद कुमार ने विमान में आई गड़बड़ी को देख पहले उसका रुख नदी की तरफ कर दिया था और पैराशूट लेकर छलांग लगा दी। इसके बाद पायलट स्वर्णरेखा नदी के बालू में गिर गए थे, जिससे उन्हें मामूली चोट लगी।
एक ओर हादसा पिछले साल ही गुजरात के कच्छ में हुआ था। यहां भी लड़ाकू विमान जगुआर क्रैश हुआ था। जून 2018 में हुए उस हादसे में पायलट संजय चौहान शहीद हो गए थे।

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