नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के नियम डेढ़ साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हो पाए हैं। इसी बीच अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 2019 के नियमों को तैयार करने के लिए छह महीने का और समय मांगा है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा की कमेटी ऑन सब-ऑर्डिनेट लेजिस्लेशन को सूचित किया है कि यह नियम 9 जनवरी, 2022 तक तैयार कर लिया जाएगा। मालूम हो कि देश के कई हिस्सों में विरोध का कारण रहे सीएए को 12 दिसंबर 2019 को ही अधिसूचित कर दिया गया था। लेकिन कानून से जुड़े नियमों को अब तक मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है। इस वजह से यह कानून अभी तक लागू नहीं हो पाया है।
सचिवालय ने सत्र से पहले नियम तैयार करने को कहा था
उधर, संसद के मौजूदा मानसून सत्र से पहले कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने सभी मंत्रालयों को कानून की अधिसूचना से दो महीने के भीतर नियम तैयार करने का निर्देश जारी किया था। कैबिनेट सचिव गाबा के अनुसार, अगर कानून के नियमों को बनाने में देर होती है, तो उस कानून की उपयोगिता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। गौरतलब है कि कैबिनेट सचिवालय ने इस सत्र से पहले सभी नियमों को तैयार करने को कहा था।
गृह मंत्रालय ने अप्रैल में भी मांगा था 3 महीने का समय
केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सीएए कानून की वजह से उठे विवाद और उससे जुड़ी जटिलताओं की वजह से इससे जुड़े नियमों को अंतिम रूप देने में देर हो रही है। गृह मंत्रालय ने इससे पहले कानून से जुड़े संसदीय समिति से 9 अप्रैल को तीन महीने का समय मांगा था। लेकिन अब एक बार फिर छह महीने का वक्त मांगा गया है। आपको बता दें कि सीएए बिल पास होने के बाद देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया था। इस दौरान ही बाद में दिल्ली में दंगे भी शुरू हो गए थे।
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