वैवाहिक अधिकार पाने के लिए कानूनी रूप से मान्य विवाह होना जरूरी: हाईकोर्ट

Views : 1315  |  3 minutes read
Matrimonial-Rights-India

मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को एक मामले में कहा कि लंबे समय तक साथ रहने से दोनों लोगों को किसी पारिवारिक अदालत के सामने वैवाहित विवाद उठाने का कानूनी अधिकार नहीं मिल जाता है। अदालत ने कहा कि इसके लिए दोनों का कानूनी रूप से विवाह होना आवश्यक है। न्यायाधीश एस वैद्यनाथन और आर विजय कुमार की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया।

आर कलईसेल्वी ने दांपत्य अधिकार के लिए दायर की थी याचिका

कोयंबटूर के रहने वाले आर कलईसेल्वी ने कोयंबटूर की पारिवारिक अदालत में एक याचिका दाखिल कर तलाक अधिनियम 1869 की धारा 32 के तहत दांपत्य अधिकार की मांग की थी। पारिवारिक अदालत ने 14 फरवरी 2019 को कलईसेल्वी की याकिरा को खारिज कर दी गई थी। इसके बाद कलईसेल्वी ने इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

खंडपीठ ने भी कलईसेल्वी की याचिका को किया खारिज

कलईसेल्वी ने दावा किया था कि मैं साल 2013 से जोसफ बेबी के साथ रह रही थी, लेकिन बाद में हम अलग हो गए। लेकिन, खंडपीठ ने भी कलईसेल्वी की याचिका को खारिज कर दिया। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमें कोयंबटूर की पारिवारिक अदालत के न्यायाधीश का फैसला बरकरार रखने में कोई आपत्ति नहीं है।

Read Also: मुस्लिम निकाह एक अनुबंध है, यह हिंदू विवाह की तरह संस्कार नहीं: उच्च न्यायालय

COMMENT