चंद्रयान-2 मिशन के लगभग 2 साल बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस साल अगस्त महीने में चंद्रयान-3 मिशन को लांच करेगा। इस बात बात की जानकारी भारतीय अंतरिक्ष विभाग ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में दी है। सदन में चंद्रमा मिशन को लेकर हो रही देरी के ऊपर सवाल किया गया था।
मिशन के लिए जरूरी सभी जांच और टेस्ट पूरे
अंतरिक्ष विभाग ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि चंद्रयान-2 मिशन से सबक लेते हुए और वैश्विक विशेषज्ञों से राय लेकर मिशन चंद्रयान-3 के लिए कार्य जारी है। विभाग ने आगे बताया कि इस मिशन के लिए जरूरी सभी जांच और टेस्ट को पूरा कर लिया गया है। चंद्रयान-3 को इस साल अगस्त महीने में लांच किया जाएगा।
कोरोना के कारण हो रही देरी
चंद्रयान-3 में हो रही देरी के सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने बताया कि कई मिशन में कोरोना महामारी के कारण देरी हुई है। अंतरिक्ष क्षेत्र के मामले में हुए सुधारों और मांग-संचालित मॉडल के अनुसार यह परियोजनाएं अब भी प्राथमिकता में हैं।
चंद्रयान-1 से ली जाएगी प्रेरणा
चंद्रयान-3 मिशन अपनी प्रेरणा साल 2008 के अक्तूबर महीने में लांच किए गए चंद्रयान -1 मिशन से लेगा। इसने चंद्रमा की सतह पर जल की खोज जैसे बड़े कार्य किए थे। चंद्रयान -3 साल 2021 में ही लांच किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें देरी देखने को मिली।
चंद्रयान-2 नहीं हो पाया था सफल
चंद्रयान-3 को पिछले चंद्रयान -2 मिशन के करीब दो सालों बाद लांच किया जा रहा है। इस मिशन को पूरी तरह सफलता नहीं मिल पाई थी। यान का लैंडर और रोवर अपने गंतव्य से दूरी पर क्रैश हो गया था। हालांकि, इस यान का ऑर्बिटर अब भी चंद्रमा की सतह के ऊपर मौजूद है। इसरो के द्वारा इसे भी चंद्रयान-3 मिशन में प्रयोग में लाया जाएगा।
Read Also: सरकार ने अपराध कानूनों में व्यापक संशोधन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है: गृह राज्य मंत्री