आज सुबह से राजनीतिक हल्कों में यह चर्चा गरम है कि क्या भोपाल लोकसभा सीट से बॉलीवुड एक्ट्रेस और नवाब खानदान की बहू करीना कपूर चुनाव लड़ेंगी? यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि हाल में कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने हाईकमान राहुल गांधी के सामने करीना कपूर को चुनाव लड़वाने की इच्छा जाहिर की है।
भोपाल के कुछ स्थानीय नेताओं का मानना है कि करीना कपूर का ग्लैमर ही अब भोपाल से बीजेपी के गढ़ को हिला सकता है। इसके अलावा एक तर्क यह दिया जा रहा है कि भोपाल करीना के ससुर और पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खां पटौदी की पारंपरिक सीट है जहां से 1991 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था हालांकि वो हार गए थे।
अब पटौदी खानदान की बहू करीना खानदान के प्रभाव और अपने ग्लैमर से आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का भोपाल वनवास पूरा कर पाएंगी या नहीं, ये आलाकमान के फैसले के ऊपर ही है, लेकिन उससे पहले हम आपको बताना चाहेंगे उस प्रभावशाली इंसान के बारे में जिसके नाम पर करीना को टिकट देने का दावा ठोका जा रहा है।
भोपाल से नवाब पटौदी का था दिल का रिश्ता
आज की युवा पीढ़ी और मीडिया जो सैफ अली खान को छोटे नवाब कहती है उनके पिता और भारतीय क्रिकेट को नई बुलंदियों तक पहुंचाने वाले मंसूर अली खान पटौदी का भोपाल से गहरा नाता रहा है। भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खां की मंझली बेटी साजिदा सुल्तान के यहां पैदा हुए पटौदी को साजिदा ने अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया जिसके बाद वो भोपाल के नवाब बने।
पटौदी जहां क्रिकेट से बेहद प्यार करते थे वहीं भोपाल भी उनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा रहा। जब भी वो फुरसत के पल गुजारते उस समय भोपाल में ही होते। इसके अलावा भोपाल में किसी भी काम में उनकी हिस्सेदारी साफ तौर पर देखी जा सकती है।
भोपाल गैस कांड, राजीव गांधी और नवाब मंसूर अली खां पटौदी
पटौदी के चुनाव लड़ने वाले किस्से से पहले आपको थोड़ा फ्लैशबैक में जाकर इसका परिक्षेप्य समझना होगा। साल 1984 में भोपाल गैस कांड हुआ जिसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी कहा जाता है। देश में राजीव गांधी की सरकार थी। यूनियन कार्बाइड के मालिक वॉरेन एंडरसन पर इस गैस कांड के आरोप लगे।
राजीव गांधी के कार्यकाल का यह सबसे बुरा दौर माना जाता है। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर उस दौरान आरोप लगे कि सरकार ने मौखिक रूप से वॉरेन एंडरसन के भारत से भागने में मदद की थी। एंडरसन को उस समय सरकारी प्लेन की मदद से भोपाल से दिल्ली लाया गया जहां से वो अमेरिका चला गया।
भोपाल गैस कांड के अलावा एंडरसन का यूं भागना और राजीव गांधी का रवैया यह सब चीजें कोई भी भोपालवासी आज तक नहीं भूला है। भोपाल की जनता उस समय से इसके लिए राजीव गांधी को जिम्मेदार ठहराती आई है।
राजीव गांधी के कहने पर नवाब मंसूर अली खां ने भोपाल सीट से लड़ा चुनाव
अब लौटते हैं नवाब पटौदी पर, भोपाल गैस कांड के बाद राजीव गांधी के खिलाफ एक हवा बनने लगी थी। इसी माहौल को देखते हुए 1991 के लोकसभा चुनाव में राजीव ने भोपाल सीट से नवाब मंसूर अली खां पटौदी को टिकट दिया और चुनाव लड़वाया।
राजीव गांधी ने खुद भोपाल आकर पटौदी के समर्थन में जमकर प्रचार किया। वहीं चुनाव प्रचार में तमाम बड़े क्रिकेटर्स और फिल्म स्टारों को उतारा लेकिन उसके बाद भी पटौदी को हार का सामना करना पड़ा।
पटौदी के चुनाव हारने की वजह लोग राजीव गांधी का जादू खत्म होना मानते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अगर नवाब खानदान की बहू करीना कपूर को टिकट देती है तो क्या वो अपने ससुर को मिली इस हार को जीत में बदलकर बीजेपी के गढ़ को फतह कर पाएंगी !