दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है ‘स्टेच्यू आफ यूनिटी’, पढ़िए इसकी खासियतें…

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31 अक्टूबर 2018 को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘स्टेच्यु आॅफ यूनिटी’ का उद्घाटन किया था।  इसका निर्माण 33 महीनों में हुआ था।

लौहपुरुष के कद जैसी

इस स्टेच्यु का आइडिया मोदी को तब आया था, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। 6 अक्टूबर 2010 को मोदी ने घोषणा की थी कि गुजरात के 50 साल पूरे होने पर इस प्रतिमा का निर्माण नर्मदा नदी में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट पहाड़ी पर किया जाएगा। मोदी ने कहा था कि भारत के लौहपुरुष के कद के अनुरूप ही उनकी प्रतिमा भी विश्वस्तरीय है। यह प्रतिमा ‘स्टेच्यु ऑफ लिबर्टी’ की ऊंचाई से दोगुनी और रियो डी जनेरो में ‘क्राइस्ट द रिडीमर’ से चार गुनी है।। न्यूयॉर्क शहर की पहचान ‘स्टेच्यु ऑफ लिबर्टी’ की ऊंचाई 93 मीटर है, जबकि रियो डी जेनेरो की ‘क्राइस्ट द रिडीमर’ प्रतिमा 38 मीटर ऊंची है।

इसके कंस्ट्रक्शन को चार स्टेज में बांटकर काम किया गया, जिनमें मॉक-अप, 3डी स्कैनिंग टेक्नीक के साथ ही कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल प्रॉडक्शन टेक्नीक, स्पाइनल स्ट्रक्चर शामिल है। प्रतिमा का मूल ढांचा कंक्रीट और स्टील से बनाया गया है।

आॅनलाइन बुक हो सकेगा टिकट

अगर आप भी दुनिया की इस सबसे ऊंचे स्टेच्यु को देखना चाहते हैं तो आप इसकी टिकट ऑनलाइन बुक करा सकते हैं। प्रतिमा को देखने के लिए 3 से 15 साल तक के बच्चों को 60 रुपए एंट्री फीस देने होगी, वहीं व्यस्कों को इसे देखने के लिए 120 रुपए एंट्री फीस देनी होगी। स्टेच्यू तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को बस लेनी पड़ेगी जिसका किराया 30 रुपए है।। आॅनलाइन बुकिंग इस लिंक  https://www.statueofunity.in/ पर की जा सकती है।

भूंकप झेल सकती है

प्रतिमा के निर्माण में इस बात का ध्यान रखा गया है कि इसे भूकंप और अन्य आपदा से कोई नुकसान न हो। यह स्टेच्यु 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं में भी स्थिर खड़ा रहेगा और 6.5 तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकता है।

 

स्टेच्यु आॅफ यूनिटी पर एक नजर

प्रोजेक्ट की लागत: 2,989 करोड़ रुपये

ऊंचाई के पीछे की अवधारणा: गुजरात विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 182 है। इसकी ऊंचाई भी 182 मीटर है।

समुद्रतल से ऊंचाई: 237.35 मीटर

वर्कफोर्स: 4076 वर्कर, जिनमें 200 चीनी श्रमिक

प्रतिमा की विशेषताएं

  • स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है। इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है।
  • सरदार पटेल की मुख्य प्रतिमा बनाने में 1,347 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 235 करोड़ रुपये प्रदर्शनी हॉल और सभागार केंद्र पर खर्च किये गए। वहीं 657 करोड़ रुपये निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 साल तक ढांचे के रखरखाव पर खर्च किए किए जाएंगे। 83 करोड़ रुपये पुल के निर्माण पर खर्च किये गये।
  • इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी है, जिनके माध्यम से पटेल के सीने तक जाया जा सकता है और वहां से सरदार सरोवर बांध का नजारा देखा जा सकता है।
  • स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के पास तीन किलोमीटर का वैली ऑफ फ्लाॅवर बनाया गया है, जहां पर दुनिया के विभिन्न फूलों की नस्ल के साथ नमो फूल भी देख सकेंगे।

भारत और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाएं

  1. स्टैचू ऑफ यूनिटी (केवडिया कॉलोनी, गुजरात), ऊंचाई : 182 मीटर
  2. स्प्रिंग टेंपल बुद्धा (लुसान काउंटी, हेनान, चीन), ऊंचाई : 128 मीटर
  3. लेकुअन सेक्या (खातकन ताउंग, म्यांमार), ऊंचाई : 116 मीटर
  4. स्टैचू ऑफ लिबर्टी (न्यू यॉर्क, यूएसए), ऊंचाई : 93 मीटर
  5. क्राइस्ट द रिडीमर (रियो डी जनेरो, ब्राजील), ऊंचाई : 38 मीटर
  6. हनुमान मूर्ति (परिताला आंजनेय मंदिर, विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश), ऊंचाई : 41 मीटर
  7. तिरुवल्लुवर मूर्ति (कन्याकुमारी, तमिलनाडु), ऊंचाई : 40.6 मीटर

 

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