राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने विवादास्पद नये कृषि कानूनों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नये कृषि कानूनों को पूरी तरह खारिज करने के बजाए इसके उस हिस्सों में संशोधन किया जाना चाहिए, जिससे किसानों को दिक्कत है। एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों का एक समूह केंद्र से पारित कृषि कानून के अलग-अलग पहलुओं पर अध्ययन कर रहा है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि शरद पवार पूर्व में केंद्रीय कृषि मंत्री रह चुके हैं।
सभी पक्षों से विचार के बाद विधानसभा में लाया जाएगा बिल
शरद पवार से जब पूछा गया कि क्या कृषि कानून के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार प्रस्ताव लाएगी? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ‘पूरे बिल को खारिज कर देने के बजाए हम उस हिस्से में संशोधन कर सकते हैं, जिसे लेकर किसानों को आपत्ति है।’ उन्होंने कहा कि इस बिल से संबंधित सभी पक्षों से विचार करने के बाद ही इसे विधानसभा में लाया जाएगा। पवार ने कहा कि मंत्रियों का एक समूह इस कानून पर विचार कर रहा है। अगर ये समूह किसानों के हक में जरूरी बदलाव लेकर आता है तो इन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं है।
दिल्ली के बॉर्डरों पर 7 महीनों से जारी है किसान आंदोलन
एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि देश के सभी राज्यों को अपने यहां नये कृषिकानूनों को पास करने से पहले इसके विवादित पहलुओं पर विचार करना चाहिए तभी इस पर फैसला लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिनों के सत्र में इस पर कोई चर्चा की जाएगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता ने कहा कि यदि ये आता है तो इस पर विचार किया जाना चाहिए। गौर करने वाली बात ये है कि केंद्र सरकार के द्वारा पास किए गए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में पिछले साल 26 नवंबर से किसानों के कुछ संगठनों का प्रदर्शन चल रहा है। राजधानी दिल्ली में किसान गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बंगाल में इलेक्शन के बाद 15 हजार हिंसा के मामले में सात हजार महिलाएं प्रभावित, 25 लोगों की हुई मौत