लंबे समय बाद एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को सुधारने की दिशा में पहल शुरू हुई है। दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बुधवार को एक बैठक हुई। इस बैठक के बाद भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने गुरुवार को घोषणा की है कि वे कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गोलीबारी रोकने के लिए सहमत हो गए हैं। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष ने हॉटलाइन के जरिए हुई बातचीत में सीजफायर उल्लंघन, युद्धविराम, कश्मीर मुद्दे समेत कई समझौतों पर चर्चा की। दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा के हालात को लेकर भी समीक्षा की। इसके बाद संयुक्त बयान जारी किया।
25 फरवरी मध्यरात्रि से किया जाएगा समझौते का पालन
भारत और पाकिस्तान ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि दोनों देश आपसी समझौतों, अनुबंधों और संघर्ष विराम का सख्ती से पालन करने के लिए राजी हैं। साथ ही नियंत्रण रेखा के सभी क्षेत्रों में इसका पालन 24 और 25 फरवरी की मध्यरात्रि से किया जाएगा।दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों में स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण में स्थिति की समीक्षा की। बयान में कहा गया है कि सीमा पर स्थायी शांति बनाने के लिए दोनों डीजीएमओ एक-दूसरे के प्रमुख मुद्दों और चिंताओं पर ध्यान देने के लिए सहमत हुए हैं। दोनों पक्षों ने हॉटलाइन संपर्क के मौजूदा तंत्रों पर सहमति व्यक्त की। साथ ही किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को हल करने के लिए फ्लैग बैठकों का उपयोग करने पर भी सहमति जताई। इसके अलावा बातचीत के जरिए सारे विवाद सुलझाने को लेकर बात हुई।
साल 2003 में एलओसी के लिए किया था सीजफायर एग्रीमेंट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने नवंबर 2003 में एलओसी के लिए सीजफायर एग्रीमेंट किया था। इस एग्रीमेंट के मुताबिक, दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे पर गोलीबारी नहीं करेंगी। हालांकि, तीन साल तक यानि 2006 तक ही दोनों तरफ से इस सीजफायर को माना गया। उसके बाद से पाकिस्तान ने लगातार सीजफायर का उलंघन किया। इसके जवाब में भारत ने कार्रवाई की।
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