देश में कोरोना वायरस महामारी के बीच एनएसओ यानी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 की जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े जारी किए हैं। एनएसओ के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 4.2 फीसदी रही। यह पिछले 11 साल का सबसे निचला स्तर बताया जा रहा है। इससे पहले साल 2009 में जीडीपी ग्रोथ इस स्तर के करीब पहुंची थी। इससे पहले के वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही थी। बता दें, जनवरी में सरकार ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी का ग्रोथ रेट 5 फीसदी रहने का अनुमान है। लेकिन ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, जीडीपी ग्रोथ रेट 0.8 प्रतिशत कम रही है।
जीडीपी की वृद्धि दर चौथी तिमाही में घटकर 3.1 प्रतिशत
देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में घटकर 3.1 प्रतिशत पर आ गई। वृद्धि दर के आंकड़ों पर वैश्विक कोरोना वायरस महामारी संकट का भी प्रभाव पड़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी। देश में तेज़ी से फैलते कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। लेकिन जनवरी-मार्च के दौरान दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहीं, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा। इस वजह से चौथी तिमाही में भारी गिरावट देखने को मिली है।
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बता दें, भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। एनएसओ ने भी इस साल जनवरी और फरवरी में जारी पहले और दूसरे अग्रिम अनुमान में वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। पड़ोसी देश चीन में भी उसके यहां से दुनिया में फैले कोरोना वायरस की वजह से जनवरी-मार्च, 2020 के दौरान अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज़ की गई है।