किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में बजट के माध्यम से एक वर्ष का वित्तीय लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाता है। इस बजट में एक सरकार एक वर्ष में किस-किस क्षेत्र में कितना खर्च करने वाली है, आमदनी कहां से होगी और कितना बजट घाटा रहेगा आदि। भारत में इस बजट को वित्त मंत्री लोकसभा में प्रस्तुत करता है।
देश में नवनिर्वाचित मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री के रूप में शपथ दिलाई है। वह 5 जुलाई को पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी।
पर क्या आपने कभी सोचा भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया था।
आजादी से पहले के वित्त मंत्री
भारत में लगभग दो सौ साल तक अंग्रेजों का शासनकाल रहा, जिसके कारण शासन की बागड़ोर अंग्रेजों के हाथों में थी। वर्ष 1857 के विद्रोह के बाद से भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों से निकलकर ब्रिटिश साम्राज्ञी के पास आ गया। साम्राज्ञी के शासन काल में भारत के विकास के लिए एक निश्चित राशि हर वर्ष खर्च की जाती थी, इस बजट को पेश करने के लिए एक वित्त मंत्री होता था।
भारत का पहला बजट ब्रिटिश शासन काल में एक अंग्रेज जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को पेश किया। जेम्स ब्रिटिश वायसराय काउंसिल के मेंबर (फाइनेंस) थे।
वहीं, आजादी से ठीक पहले बनी भारत की अंतरिम सरकार का बजट लियाकत अली खां ने पेश किया था। जिसकी अवधि 9 अक्टूबर, 1946 से लेकर 14 अगस्त, 1947 तक के लिए था।
आजादी के बाद पहले वित्तमंत्री
आजादी के बाद भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखम शेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 में पेश किया था, जो कि एक अंतरिम बजट था।
आजादी के बाद देश का पहला बजट वित्त वर्ष 1947-48 में पेश किया गया जो साढ़े सात महीने की अवधि के लिए था। इस बजट में कुल आय 172.77 करोड़ रुपए और कुल व्यय 178.77 करोड़ रुपए दिखाया गया, इस प्रकार बजट में कुल 6.52 करोड़ रुपए के घाटे का पेश किया था।