वित्त वर्ष 2021-22 में 9.5 फीसदी रह सकती है भारत की विकास दर: रिपोर्ट

Views : 4923  |  3 minutes read
Indian-Economy-2021-22

वैश्विक कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसकी भरपाई करना मुश्किल होगा। लेकिन इसी बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक अच्छी ख़बर सामने आई है। दरअसल, एक एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष यानी 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था के पांच फीसदी सिकुड़ने का अनुमान जताया है। लेकिन फिच रेटिंग्स का कहना है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर में अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी और यह 9.5 फीसदी रह सकती है।

मौजूदा वर्ष में पांच फीसदी तक आ सकती है कमी

फिच रेटिंग्स ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि भारत के फाइनेंशियल सेक्टर की हालत अगर आगे और खराब न हो तो वृद्धि दर में तेजी आ सकती है। लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में वृद्धि दर पर काफी दबाव माना जा रहा है। मौजूदा वर्ष के लिए फिच रेटिंग्स के अनुमान के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में पांच फीसदी तक कमी आ सकती है। फिच ने एशिया पैसेफिक सॉवरेन क्रेडिट ओवरव्यू में कहा कि वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत का ग्रोथ आउटलुक कमजोर हुआ है।

इकोनॉमी में सुधार के लिए सरकार और आरबीआई कर रही काम

देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दो बार ब्याज दरों में कटौती की। साथ ही लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन के जरिए लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय किए गए। बैंकों और एनबीएफसी में तरलता बढ़ाने के लिए अलग से विशेष प्रावधान किए गए हैं। इतना ही नहीं, इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान भी किया है।

Read More: वित्त वर्ष 2021-22 में 9.5 फीसदी रह सकती है भारत की विकास दर: रिपोर्ट

आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च को संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया गया था। कोरोना संकट के समय में अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। फिलहाल भारत में लगातार कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में इजाफ़ा हो रहा है। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 9,996 मामले सामने आए और 357 लोगों की मौत हुई।

COMMENT