हमारे देश के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक क्रिकेट के लाखों दीवाने हैं। इस खेल ने हमें बहुत से ऐसे महान बल्लेबाज दिए हैं, जिनके योगदानों को हमारा देश कभी नहीं भूल पाएगा। उन्हीं में से एक है सैयद मुश्ताक अली। 17 दिसंबर 1914 को इंदौर में जन्मे मुश्ताक इंडियन क्रिकेट टीम का वो सितारा थे जिनके नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज है जिसे कोई कभी नहीं तोड़ पाएगा।
मिला था पाकिस्तानी नागरिक बनने का न्यौता :
दरअसल मुश्ताक ही वो खिलाड़ी थे जिन्होंने टीम इंडिया की ओर से इतिहास का सबसे पहला टेस्ट शतक लगाया था। इस तरह की उपलब्धि किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद गर्व की बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुश्ताक को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने पाकिस्तान की नागरिकता देनी चाही थी, जिसे उन्होने ये कहते हुए ठुकरा दिया था कि भारत ही मेरा घर है।
भारत—पाक के बंटवारे के बाद भुट्टो की थी सैयद पर नज़र :
भुट्टो ने सिर्फ एक नहीं बल्कि दो बार सैयद के पास पाकिस्तानी नागरिकता लेने का प्रस्ताव रखा। मुश्ताक के बेटे गुलरेज अली ने बताया कि उनके पिता को सन् 1948 में पहली बार इसके लिए कहा गया। ये वो दौर था जब कुछ ही समय पहले भारत-पाक का बंटवारा हुआ था। वहीं शिमला में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मुलाकात के दौरान उनके पास एक बार फिर से प्रस्ताव आया।
अपनी बल्लेबाजी ही नहीं बल्कि गेंदबाजी के लिए भी थे मशहूर :
वहीं अगर सैयद अली के क्रिकेट कॅरियर की बात करें तो उन्होंने 226 प्रथम श्रेणी मैचों की 384 पारियों में 16 बार नाबाद रहते हुए 13213 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 63 अर्धशतक और 30 शतक जड़े। वहीं बात अगर अंतर्राष्ट्रीय मैचों की करें तो उन्होंने 11 टेस्ट मैचों में 2 शतक और 3 अर्धशतक लगाए। मुश्ताक ना सिर्फ बेहतरीन बल्लेबाज बल्कि एक शानदार गेंदबाज भी रहे।
उनके नाम से ही होता है सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी का आयोजन :
राइट हैंड के इस ओपनर बेट्समैन ने साल 1936 में मैनचेस्टर इंग्लैंड में अपना और अब तक का पहला टेस्ट शतक लगाया था। इसके अलावा उन्होंने फर्स्ट क्लास में 162 विकेट भी हासिल किए थे। इस महान बल्लेबाज ने 90 साल की उम्र में 18 जनवरी 2005 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। बता दें कि उनके नाम पर ही सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी का आयोजन किया जाता है।