एक समय था जब भारतीय टीम के गेंदबाज विदेशी जमीन पर कमजोर साबित होते थे और भारतीय टीम मैच हार जाया करती थी। वक्त के साथ भारतीय क्रिकेट ने विदेशों में भी अपना गेंदबाजी प्रदर्शन में सुधार किया और आज विराट कोहली की अगुवाई में टीम ने अपनी कमजोरी को ही ताकत बना डाला है।
हाल ही में जारी ईएसपीएन क्रिकइन्फो ने एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में भारतीय गेंदबाजों का अपनी गेंदबाजी का डंका बजा रखा है। वर्ष 2016 से लेकर हाल ही में न्यूजीलैण्ड में सम्पन्न सीरीज तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत का बॉलिंग अटैक सबसे खतरनाक है।
ऐसे कितने ही विदेशी दौरे थे तब भारतीय टीम गेंदबाजी के कारण हारी थी। पर अब ऐसा नहीं है। भारतीय टीम इस रिपोर्ट के अनुसार अपना गेंदबाजी स्तर लगातार सुधार रही है।
किसी भी गेंदबाज और बल्लेबाज के लिए असली टेस्ट विदेशी सरजमीं पर होता है और वर्तमान में टीम इंडिया के गेंदबाज उसमें अव्वल साबित हुए हैं। पिछले तीन सालों में टीम इंडिया के गेंदबाजों का औसत 25 रहा है, जोकि दुनिया में सबसे अच्छा है। भारत के बाद दूसरे नंबर पर साउथ अफ्रीका है। हालांकि घरेलू सरजमीं पर सबसे अच्छा प्रदर्शन साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों का है लेकिन टीम इंडिया उससे पीछे नहीं है। बड़ी बात ये है कि टीम इंडिया के गेंदबाज घर और विदेश दोनों जगह एक जैसा ही प्रदर्शन कर रहे हैं।
रिपोर्ट में वर्ष 22016 से 2019 के आंकड़ों पर गौर करें तो विदेश में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप 3 गेंदबाज भारतीय हैं। इन भारतीय गेंदबाजों में सबसे ऊपर तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह हैं, जिन्होंने 20 पारियों में 49 विकेट लिए हैं। ईशांत शर्मा ने 26 पारियों में 45 और शमी ने 36 पारियों में 68 विकेट झटके हैं।
यही नहीं विदेशी धरती पर विकेट लेने में भारतीय स्पिनर्स भी पीछे नहीं है। स्पिनर्स में अश्विन ने 26 पारियों में 58 और जडेजा ने 11 पारियों में 30 विकेट लिए हैं।
रिपोर्ट से साफ है टीम इंडिया की गेंदबाजी यूनिट बेहद मजबूत साबित हुई है, यही वजह है कि वो पिछले तीन सालों में साउथ अफ्रीका में कड़ी टक्कर देने के बाद ऑस्ट्रेलियाई धरती पर सीरीज जीतकर इतिहास रच कर लौटी है।