भारतीय एथलीट झूमा खातून डोपिंग टेस्ट में दोषी पाई गई है। इसके बाद अब मध्यम दूरी की धाविका झूमा पर एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट ने चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। उन पर प्रतिबंधित स्टेरॉयड के सेवन के आरोप में यह प्रतिबंध लगाया गया। करीब दो साल पुराना डोपिंग का यह मामला राष्ट्रीय डोप टेस्ट लेबोरेटरी यानी एनडीटीएल पकड़ने में नाकाम रही थी। झूमा खातून का डोप नमूना साल 2018 में गुवाहाटी में राष्ट्रीय अंतर राज्य चैंपियनशिप के दौरान लिया गया था। भारतीय एथलीट की एनडीटीएल में की गई जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
1500 और 5000 मीटर में जीता था कांस्य
एथलीट झूमा खातून ने गुवाहाटी में 1500 और 5000 मीटर में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी यानी वाडा ने इसके बाद कनाडा के मॉन्ट्रियल में स्थित लैब में नमूने की जांच कराई तो उनका टेस्ट पॉजिटिव आया। अब उनके 29 जून 2018 से 21 नवंबर 2018 के बीच की प्रतियोगिताओं के परिणाम रद्द माने जाएंगे।
भारत के चार अन्य एथलीटों के नमूने भी मांट्रियल में की गई जांच में पॉजिटिव पाए गए, जो एनडीटीएल लैब में निगेटिव आए थे। वाडा ने खातून के नतीजे एआईयू को दिए, जिसने उसे नवंबर 2018 में अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था। हालांकि, झूमा खातून ने बताया कि उसने अनजाने में इस पदार्थ का सेवन किया था।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एआईयू ने इस महीने की शुरुआत में झूमा खातून को नोटिस जारी करके 4 साल का प्रतिबंध झेलने या 13 अप्रैल से पहले अनुशासनात्मक ट्रिब्यूनल के सामने सुनवाई का अनुरोध करने में से एक विकल्प चुनने को कहा था। झूमा खातून ने चार साल का प्रतिबंध स्वीकार किया।