ARMY DAY: आप दुनिया की सबसे शांतिप्रिय और घातक सेना के बारे में ये शायद नहीं जानते

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भारतीय सेना में अपनी स्थापना के बाद से अनगिनत हीरो रहे हैं। सैनिकों की वीरता की कहानियों ने पीढ़ियों को प्रेरित किया है और हमें गौरव से भर दिया है। हमारी सेना दुनिया की सबसे शांतिपूर्ण सेनाओं में से एक है। भारतीय सेना ने आज तक युद्ध में कभी भी पहले पहल नहीं की। लेकिन सामने से होती कार्यवाही का हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया है।

हममें से ज्यादातर लोगों ने हिंदी फिल्म बॉर्डर देखी है। यह ‘लोंगेवाला की लड़ाई’ पर आधारित था जो दिसंबर 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ी गई थी। उस लड़ाई के बाद दुश्मनों के लगभग 200 सैनिक मारे गए और 34 टैंक नष्ट हुए जबकि भारतीय पक्ष पर केवल दो लोग मारे गए थे। भारतीय सेना का काम इससे कई ऊपर रहा है जिसको एक साथ दिखाना शायद मुमकिन भी ना हो।

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हमारे सैनिक दुनिया में सबसे शानदार बलों में से एक

दुनिया में कई युद्धक्षेत्र हैं। समुद्र तल से 5000 मीटर ऊपर स्थित एक ग्लेशियर को ‘सियाचिन’ के नाम से जाना जाता है। यहां एक फल जम सकता है और सैकंड्स में ऐसा हो सकता है जिसके बाद इसे खाया नहीं जा सकता। तापमान शून्य से 60 डिग्री नीचे जा सकता है और बर्फबारी 36 फीट तक हो सकती है। भारत के पास लगभग 10,000 सैनिक यहां डेरा डाले हुए हैं। चरम स्थितियों के कारण 800 से अधिक सैनिक यहां मारे गए हैं और फिर भी वे हमारे देश की सेवा करते हैं।

एक सैनिक और एक नागरिक के बीच का संबंध

बहुत सारे देशों में कुछ समय के लिए रक्षा बलों में शामिल होना अनिवार्य है। यह प्रथा, जिसे प्रतिज्ञा या ड्राफ्ट के रूप में जाना जाता है हमारे देश में मौजूद नहीं है जिससे भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी “स्वैच्छिक” सेना बन गई है। उसके ऊपर, जाति या धर्म के आधार पर आरक्षण के प्रावधान नहीं हैं। जब कोई व्यक्ति भारतीय सेना में शामिल होने की प्रतिज्ञा करता है तो वह एक सैनिक बन जाता है।

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विश्व शांति के लिए हमारी सेना सबसे आगे

भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों में दुनिया भर में योगदान दिया है। 40 से अधिक शांति अभियानों में भाग लेते हुए हमने बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है उन सभी की शांति के लिए कई सैनिकों को खो भी दिया। 2013 की उत्तराखंड बाढ़ के दौरान भारतीय सेना ने भारतीय वायु सेना की मदद से सबसे बड़े नागरिक बचाव अभियान ‘ऑपरेशन राहत’ को भी अंजाम दिया।

मजबूत और गूढ़

सीआईए को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खुफिया एजेंसियों में से एक माना जाता है। फिर भी, भारतीय सेना ने इतनी चालाकी से एक ऑपरेशन को अंजाम दिया इसे अमेरिकी खुफिया एजेंसी की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक माना जाता है। ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा और ऑपरेशन शक्ति, जिन कार्यक्रमों के माध्यम से भारत ने परमाणु क्लब में प्रवेश किया था उन्हें इतनी गुप्त रूप से अंजाम दिया गया था कि इसकी जानकारी सिर्फ इसमें शामिल वरिष्ठ अधिकारियों को थी। एपीजे अब्दुल कलाम ने भारतीय सेना के कर्नल गोपाल कौशिक के साथ पूरी योजना का नेतृत्व किया जिससे कार्यक्रमों को एक शानदार सफलता मिली।

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बाहरी और साथ ही आंतरिक खतरों को बेअसर किया

दुश्मन से मुकाबला करने और उनकी योजनाओं को नाकाम करने के अलावा, हमारी सेना आंतरिक खतरों को बेअसर करने की दिशा में भी काम करती है। चाहे वह नक्सली हों, अलगाववादी गुट हों, चरमपंथी हों या राष्ट्रविरोधी संप्रदाय हों, भारतीय सेना ने समय-समय पर पुलिस और स्थानीय बलों को उन स्थितियों को नियंत्रित करने में मदद की है जो नियंत्रण से बाहर होने की कगार पर थीं।

और जब हम भारतीय सेना के बारे में बात कर रहे हैं, तो हमें उन ताकतों के बारे में भी बात करनी चाहिए जो शांति बनाए रखने में उनका समर्थन करती हैं। ये बल न केवल आंतरिक विद्रोहियों से निपटने में मदद करते हैं बल्कि हमारी सीमाओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं। इन फोर्सेज को सामूहिक रूप से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) कहा जाता है जो हमारे देश का एक अभिन्न अंग हैं। यदि सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) नहीं हों तो हमारी सीमाएं बिना सुरक्षा के होंगी और आंतरिक आतंकवाद अनियंत्रित रहेगा।

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