भारत को साल 2022 में इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन) की महासभा की मेजबानी मिल गई है। भारत ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंटरपोल महासभा की मेजबानी करने के लिए सफलतापूर्वक वोट हासिल किया। गृह मंत्रालय के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल 30 अगस्त को इंटरपोल महासभा की मेजबानी का प्रस्ताव दिया था। उस दौरान गृह मंत्री शाह ने इंटरपोल के महासचिव जर्गेन स्टॉक के साथ मुलाकात की थी और महासभा की मेजबानी के संबंध में प्रस्ताव दिया था।
भारत के प्रस्ताव के पक्ष में बहुमत से मतदान
हाल में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने चिली के सैंटियागो में चल रहे 88वें इंटरपोल महासभा में अपने संक्षिप्त संबोधन में भारत की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया था। इस आयोजन की मेजबानी के लिए भारत के प्रस्ताव के पक्ष में भारी बहुमत से मतदान हुआ। इसके बाद गृह मंत्रालय ने कहा, ‘भारत ने साल 2022 में भारतीय स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के जश्न के रूप में भारत में 91वीं महासभा की मेजबानी के लिए हुई वोटिंग में जोरदार जीत हासिल की है।’
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1949 में इंटरपोल का सदस्य बना था भारत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंतर सरकारी संगठन इंटरपोल में भारत समेत कुल 194 सदस्य देश शामिल हैं। इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के ल्योन शहर में है। इसकी स्थापना सन् 1923 में हुई थी, लेकिन साल 1956 में इसे इंटरपोल कहा जाने लगा। भारत अपनी आज़ादी के बाद वर्ष 1949 में इंटरपोल का सदस्य बना था। हालांकि, सबसे पुराने सदस्यों में शुमार भारत ने अब तक केवल एक बार साल 1997 में इंटरपोल महासभा का आयोजन किया था। इसी साल यानि साल 2019 में इंटरपोल महासभा का आयोजन चिली में हुआ है।