भारत में कम हुआ भ्रष्टाचार, वहीं अमेरिका हुआ टॉप 20 से बाहर

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किसी देश के लिए वो घड़ी बहुत ही सुखद होती है जब उसकी वैश्विक स्तर पर तारीफ होती है। हां कुछ ऐसा ही हुआ है हमारे देश भारत के साथ, हाल ही जारी वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में कमी आई है। भारत ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए पिछले साल के मुकाबले तीन पायदान ऊपर की छलांग लगाई है। भ्रष्टाचार पर निगाह रखने वाले संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

‘वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक 2018’ के अनुसार, भारत ने 41 अंक हासिल कर 180 देशों में 78वां स्थान हासिल किया है। जबकि 2017 के सूचकांक में वह 40 अंक के साथ 81वें स्थान पर था। इससे पहले 2016 में भारत इस सूचकांक में 79वें स्थान पर था। वहीं इस सूचकांक में भारत के पड़ोसी देश चीन 87वें और पाकिस्तान 117वें स्थान पर है।

नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की स्थिति में मामूली रूप से सही, मगर सुधार हुआ है। बीते 10 वर्षों में यह पहला अवसर है जब भारत ने यह स्थान हासिल किया है। हालांकि 2008 से अब तक भारत का प्रदर्शन धीमी रफ्तार से मगर बेहतर हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों में मलेशिया (47अंक), मालदीव (31 अंक) और पाकिस्तान (33 अंक) के साथ भारत को सूची में आगे बढ़ते देखना महत्वपूर्ण होगा।
इन देशों में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े पैमाने पर सार्वजनिक लामबंदी हुई है। साथ ही लोगों की राजनीतिक भागीदारी बढ़ी है जिसके कारण इन देशों में नई सरकारें भ्रष्टाचार विरोधी व्यापक सुधारों का वादा करती हैं। इसमें कहा गया, हालांकि इन उत्साहजनक प्रगति के बावजूद यह देखना अभी बाकी है कि ये वादे ठोस कार्रवाई में कैसे बदलते हैं। भ्रष्टाचार के बड़े मामलों से मुकाबले के संदर्भ में यह विशेष अहम है।

रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया कि देश जब लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है, तब भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में उसके स्कोर में अहम बदलाव दिखता है, जो 2017 में 40 से बढ़कर 2018 में 41 पर पहुंच गया।

रिपोर्ट में डेनमार्क बना सबसे कम भ्रष्टाचार वाला देश तो सोमालिया सबसे ज्यादा भ्रष्ट
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 180 देशों की सूची में डेनमार्क में सबसे कम भ्रष्टाचार वाला देश है, वहीं न्यूजीलैंड इस मामले में दूसरे स्थान पर रहा है। फिनलैंड, सिंगापुर व स्वीडन तीसरे स्थान पर हैं। जबकि सोमालिया आखिरी पायदान पर है जहां सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है।

अमेरिका व चीन की स्थिति हुई कमजोर
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका साल 2011 के बाद पहली बार शीर्ष 20 देशों से बाहर निकल गया है और वह 71 अंक के साथ चार पायदान फिसल गया है। इस साल अमेरिका की को 22वां स्थान मिला है। रिपोर्ट बतलाती है कि साल 2017 के सूचकांक में भारत से ऊपर रहने वाला चीन पिछले साल लुढ़ककर 87वें पायदान पर पहुंच गया।
इस रिपोर्ट में करीब दो-तिहाई से अधिक देशों को 50 से कम अंक मिले हैं, इन देशों का औसत प्राप्तांक 43 रहा है।

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