पुण्यतिथि विशेष: एक लंबे संघर्ष के बाद इंदीवर को मिली संगीत की दुनिया में पहचान…

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‘होंठों से छू लो तुम’, ‘चंदन सा बदन चंचल चितवन’, ‘फूल तुम्हें भेजा है ख़त में’, ‘है प्रीत जहाँ की रीत सदा’, ‘दुश्मन न करे दोस्त ने जो काम किया है…’जैसे सुपरहिट गीत दिये हैं मशहूर गीतकार इंदीवर ने। भारत के मशहूर गीतकारों में इंदीवर का नाम भी शामिल है जो अपने दौर में स्वतंत्रता सेनानी और कवि भी रहे। आज इंदीवर की 23वी पुण्यतिथि है। वे भले ही आज हमारे बीच नहीं है मगर उनके लिखे गीत आज भी हिंदी सिनेमा में श्रोताओं के दिलों में रचे-बसे हैं।

प्रारंभिक जीवन

इंदीवर का जन्म 15 अगस्त,1924 को यू.पी के झाँसी में हुआ था। उनका असल नाम श्यामलाल बाबू राय था। बचपन में माता-पिता के गुजरने के बाद उनका पालन-पोषण बड़ी बहन ने किया। बचपन से ही उनका रुझान लिखने में था। 20 साल की उम्र में वे मुंबई आ गए।

ऐसे मिला फिल्मों में काम

मुंबई आने के बाद भी इंदीवर को जल्द काम नहीं मिला। उनके कई साल स्ट्रगल में ही निकले। आखिरकार साल 1946 में आई फिल्म डबल फेस से उन्होंने डेब्यू किया। इस फिल्म  में उनका एक गीत था। इससे उन्हें कोई खास शोहरत नहीं मिली। तीन साल बाद 1949 में फिल्म मल्हार के लिए लिखे गीत ‘बड़े अरमान से रखा है बलम तेरी कसम’ के जरिये उन्हें सफलता मिली। जिसके बाद उन्होंने कभी पिछे मुड़कर नहीं देखा।

बेहतरीन गीत

चंदन सा बदन, होंठों से छू लो तुम, मैं तो भूल चली बाबुल का देश, फूल तुम्हें भेजा है ख़त में, है प्रीत जहाँ की रीत सदा, दुश्मन न करे दोस्त ने जो काम किया है, जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे, मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनियां.. जैसे ना जाने कितने ही सुपरहिट गीत लिखें। जिन्हें हर पीढ़ी के लोग खूब पसंद करते हैं।

 

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