अगर सब ठीक रहा तो मोदी सरकार आने वाले दिनों में टैक्सपेयर्स को बड़ी खुशखबरी दे सकते हैं। केंदीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की एक कमेटी ने टैक्सपेयर्स लोगों के लिए नए टैक्स स्लैब की सिफारिश की है। इससे देश में मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी, जो टैक्स का बड़ा हिस्सा जमा कराता है।
खबरों के मुताबिक सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश राजन की अगुवाई में सरकार द्वारा गठित कमेटी ने टैक्स देने वालों के लिए नए टैक्स स्लैब की सिफारिश की है। सीबीडीटी की सिफारिश में कहा गया है कि पांच लाख तक की इनकम पर टैक्स पूरी तरह माफ कर दिया जाए। साथ ही 5 से 10 लाख रुपए सालाना आय वालों को 10 फीसदी टैक्स देना होगा, जो कि मौजूदा समय में 20 फीसदी है। इस प्रकार 10 लाख रुपए तक की आय वालों के लिए यह बड़ी राहत वाली खबर हो सकती है। इससे 10 लाख रूपये आय वाले लोगों की 50 हजार रुपए की बचत होगी।
सिफारिशों के अनुसार टैक्स स्लैब
इस कमेटी (Direct Tax code Task force) ने नौकरीपेशा लोगों पर नए टैक्स लगाने की सिफारिश की है। यदि टैक्स स्लैब में बदलाब होता है तो 58 साल बाद पुराने इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव होगा। अगर इस टास्कफोर्स की सिफारिशों को मान लिया जाता है, तो 10 लाख रुपये सालाना कमानेवाले लोगों का हर वर्ष 50 हजार रुपए का फायदा होगा।
इस कमेटी की सिफारिश में 10 लाख से 20 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले टैक्सपेयर्स को अपनी आय पर 20 फीसदी टैक्स देने का प्रस्ताव है। वहीं 20 लाख से दो करोड़ रुपए तक आय वालों को अपनी आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लेने की सिफारिश की है।
जिनकी वार्षिक आय 2 करोड़ रुपए से अधिक है उन्हें अपनी आय पर 35 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। हालांकि इस पर सरचार्ज नहीं लगाने की सिफारिश की गई है।
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मौजूदा समय में टैक्स स्लैब
अगर मौजूदा समय में टैक्स स्लैब की बात करें तो आयकर दाता को ढाई लाख रुपए से पांच लाख रुपए की आय पर 5 फीसदी टैक्स, पांच लाख रुपए से दस लाख रुपए तक की आय पर 20 फीसदी और दस लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स देना होता है।
जिनकी लोगों की सालाना आय पांच लाख रुपए तक है, उन्हें टैक्स रीबेट मिलता है यानि कि 5 लाख की कमाई वालों का टैक्स में छूट मिलती थी और यह जीरो होता था। हालांकि इससे अधिक की कमाई पर पुराने टैक्स स्लैब लागू हो जाते हैं।