महाराष्ट्र में राज्य विधान परिषद की 9 सीटों पर सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आठ अन्य लोग इस चुनाव में निर्विरोध चुन लिए गए। इसी के साथ सीएम ठाकरे की कुर्सी पर मंडरा रहा संवैधानिक संकट भी टल गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें, महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों के लिए 14 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए थे।मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार शहबाज राठौर का नामांकन रद्द हो गया था। इससे पहले चार उम्मीदवारों ने मंगलवार को ही अपने नाम वापस ले लिए थे। इस तरह 9 सीटों के लिए सिर्फ नौ उम्मीदवार ही मैदान में बचे थे, जिसके कारण सभी निर्विरोध चुने गए।
59 वर्षीय ठाकरे पहली बार बने विधायक
राज्य विधान परिषद चुनाव के बाद 59 वर्षीय उद्धव ठाकरे पहली बार विधायक बने हैं। बता दें, ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उन्हें 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था। पहली बार विधान परिषद के सदस्य चुने गए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे 143 करोड़ 26 लाख रुपए की चल और अचल संपत्ति के मालिक हैं। इसके अलावा उन पर 15 करोड़ 50 हजार रुपए की देनदारी भी है। उनके ख़िलाफ़ 23 मामले दर्ज हैं और वे दो बंगलों के मालिक हैं, लेकिन उनके पास एक भी कार नहीं है।
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एनसीपी के दोनों उम्मीदवारों ने नाम वापस लिया
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी ने इस विधान परिषद चुनाव में दो सीटों के लिए चार उम्मीदवारों से नामांकन दाखिल कराए थे। एनसीपी से अतिरिक्त नामांकन भरने वाले किरण पावस्कर और शिवाजीराव गरजे दोनों ने मंगलवार को अपना नाम वापस ले लिया था। इसके साथ ही एनसीपी के शशिकांत शिंदे और अमोल मिटकरी के निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ़ हो गया था। बता दें कि शिवसेना की ओर से इस विधान परिषद चुनाव में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और नीलम गोर्हे चुनावी मैदान में थीं।