इतिहास में 3 मार्च का दिन कई ऐतिहासिक घटनाओं में के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन टेलीफोन का आविष्कार करने वाले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का जन्म हुआ था। आइए ऐसे में इस दिन जानते हैं महापुरुषों का जन्म और मृत्यु एवं महत्त्वपूर्ण घटनाओं के बारे में—
3 मार्च का दिन क्रिकेट के इतिहास में काला दिन के रूप में माना जाता है। वर्ष 2009 में आज ही के दिन पाकिस्तान के लाहौर में मैच खेलने जा रही श्रीलंकाई टीम की बस पर हथियारबंद लोगों ने गोलियां चला दी थी।
वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र ने 3 मार्च को वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे यानि विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। वन्यजीवों के संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौते पर आज ही के दिन वर्ष 1973 में हस्ताक्षर हुए थे।
3 मार्च को जन्मी देश की प्रसिद्ध हस्तियां
भारतीय उद्योगपति जमशेद जी टाटा का जन्म वर्ष 1839 को हुआ था।
आयुर्वेदिक औषधियों के प्रचार—प्रसार के लिए प्रसिद्ध विशेषज्ञ अचंत लक्ष्मीपति का जन्म इसी दिन वर्ष 1880 में हुआ था।
भारत के क्रांतिकारी रामकृष्ण खत्री का जन्म वर्ष 1902 में हुआ। उन्हें ‘काकोरी काण्ड’ में दस वर्ष के कारावास की सजा मिली थी।
रवि (संगीतकार) का जन्म वर्ष 1926 में हुआ। वह हिंदी फ़िल्मों में प्रसिद्ध संगीतकार थे।
प्रसिद्ध हास्य अभिनेता जसपाल भट्टी का जन्म वर्ष 1955 में हुआ था।
राइफ़लमैन संजय कुमार का जन्म वर्ष 1976 में हुआ था। वह परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक थे।
बॉलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर का जन्म वर्ष 1987 में मुंबई शहर में हुआ। उनको ‘हैदर’, ‘आशिकी 2’, ‘स्त्री’ जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है।
3 मार्च को निम्न हस्तियों का हुआ निधन
अबुल मुज़फ्फर मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब आलमगीर यानि मुगल बादशाह औरंगजेब छठा मुगल शासक था। उसने अकबर के बाद सबसे ज्यादा लंबे समय शासन किया। वर्ष 1707 में आज ही के दिन औरंगजेब का निधन हो गया था।
उर्दू साहित्य के शायर फ़िराक गोरखपुरी को उर्दू में पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ था। उनका देहांत वर्ष 1982 को हुआ।
प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष जी एम सी बालयोगी का निधन वर्ष 2002 में हुआ।
प्रसिद्ध मराठी कवि, उपन्यासकार, कहानीकार और नाटककार हरि नारायण आप्टे का 1919 में निधन हुआ ।
यादवेंद्र शर्मा ‘चंद्र’ राजस्थान के सबसे चर्चित व प्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार तथा नाटककार थे। उन्होंने राजस्थान की सामंती पृष्ठभूमि पर अनेक सशक्त उपन्यास लिखे थे।
डॉ. राष्ट्रबंधु का निधन साल 2015 में हुआ। वह बाल साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। राष्ट्रबंधु का वास्तविक नाम ‘श्रीकृष्ण चंद्र तिवारी’ था।
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