पश्चिम बंगाल : आखिर 7 दिनों बाद माने हड़ताली डॉक्टर, मरीजों को कहा “सॉरी” !

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आखिरकार 7 दिनों तक बंगाल में चली बवाल की हवा अब थम गई है। नाराज चल रहे पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों की एक टीम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलकर अपनी हड़ताल को वापस लेने का फैसला लिया है। सीएम से मिलने के बाद हर कोई चेहरे पर एक मुस्कान लेकर बाहर निकला।

एनआरएस (नील रतन सरकार) अस्पताल, जो विरोध प्रदर्शन का अड्डा था वहां भी जोर-शोर से जश्न मनाया गया और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मरीजों और उनके परिजनों से माफी भी मांगी। गौरतलब है कि डॉक्टरों के इस विरोध प्रदर्शन से पूरे हफ्ते देश में हलचल मच गई थी।

हड़ताल का फैसला पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों, ममता बनर्जी और 31 लोगों जूनियर डॉक्टरों की 100 मिनट चली मुलाकात के बाद आया। मुलाकात के बाद बीती रात डॉक्टर एनआरएस अस्पताल में ड्यूटी पर लौट आए।

सीएम से मीटिंग के पहले डॉक्टरों ने 12 मांगे रखी जिनमें मीटिंग को बंद दरवाजे के पीछे ना करके न्यूज चैनलों पर लाइव स्ट्रीम करने के लिए कहा गया।

डॉक्टरों को कुछ दिन पहले धमकी देने के बावजूद ममता बनर्जी ने उनकी यह मांग मान ली। मीटिंग में ममता बनर्जी ने सभी जूनियर डॉक्टरों की मांग को धैर्यपूर्वक सुना।

डॉक्टरों ने मीटिंग में सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा और पुलिस कर्मियों की कमी का मुद्दा उठाया तो ममता बनर्जी ने बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों से सभी अस्पतालों और जिलों में नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने के आदेश दिए।

हड़ताल बंद करने का ऐलान करने के एक दिन बाद, मंगलवार को एनआरएस अस्पताल में सेवाएं बहाल कर दी गईं। मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों को देश भर से डॉक्टरों और मेडिकल कॉलेजों से समर्थन मिला। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर, दिल्ली और अन्य राज्यों में मेडिकल सेवाएं ठप रही।

डॉक्टरों ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक और देश के अन्य हिस्सों में काम बंद किया।

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