हाल में जापान के ओसाका शहर में 14वें जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शिरकत की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न देशों के राजनेताओं के साथ अपने देश के हितों से जुड़ी मुद्दों पर बात की। पीएम मोदी ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान से मुलाक़ात कर हज यात्रा के लिए भारतीय मुसलमानों का वार्षिक कोटा दो लाख बढ़वा लिया। ऐसे में आइये जानते हैं यह हज कोटा कैसे तय होता है..
सऊदी अरब ऐसे तय करता है हज का कोटा
मक्का को मुस्लिमों का सबसे पवित्र शहर माना जाता है। हज यात्रा के लिए सब कुछ सऊदी अरब तय करता है। सऊदी अरब मुस्लिम आबादी के आधार पर अन्य देशों के लिए हज कोटा आवंटित करता है। उदाहरण के लिए हर 10 लाख मुसलमानों में 1,000 को हज यात्रा के लिए अनुमति देता है। भारत हज यात्रियों का तीसरा सबसे बड़ा देश है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 13.8 करोड़ से अधिक की मुस्लिम रहते हैं। उस लिहाज से 1,38,000 तीर्थयात्रियों के लिए हज का कोटा होना चाहिए था। हालांकि, उस समय भारत का कोटा 1,25,000 था। वर्तमान में भारत में अनुमानित मुसलमानों की आबादी 17.2 करोड़ से अधिक मानी जाती है। ऐसे में भारत से हज जाने वालों का कोटा 1.72 लाख तीर्थयात्रियों का होना चाहिए।
सऊदी सरकार के ऊपर निर्भर रहता है सब कुछ
हज यात्रा के लिए किसी देश को एक बार कोटा निर्धारित होने के बाद ऐसा भी नहीं है कि आगे भी वही कोटा रहेगा। यह सऊदी सरकार के ऊपर निर्भर करता है। वह कारण और परिस्थितियों के आधार पर हज का कोटा घटा भी सकती है। वर्ष 2013 से 2016 तक सऊदी के हरम शरीफ में निर्माण कार्य के चलते भारत के कोटे में 20 फीसदी कटौती की गई थी। इस दौरान हज कोटा 1,36,020 कर दिया गया था, जो वर्ष 2012 में करीब 1,70,000 था। वर्ष 2017 में 34,005 का कोटा बढ़ाया गया था, जबकि 2018 में मात्र 5,000 ही बढ़ा था।
हज जाने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं आवेदन
भारत में मुस्लिमों की बड़ी आबादी निवास करती है। इसलिए यहां अन्य देशों के मुकाबले हज की यात्रा के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संख्या भी ज्यादा होती है। वर्ष 2018 में 3,55,604 लोगों ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया था, जबकि कुल सीट 1,75,025 थीं। बाद में भारत ने सऊदी सरकार से बात कर 50 हजार बढ़वायी थीं।
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कई बार ऐसा भी होता है कि जितने यात्रा का कोटा भारत को मिलता है, उतने यात्री हज के लिए नहीं जाते हैं। वर्ष 2008 में कोटे से करीब 1400 कम यात्री भारत से हज के लिए गए थे। गौरतलब है कि हज यात्रियों के भारत के लगभग हर राज्य में हज हाउस बनाए गए हैं।