14 फरवरी के पुलवामा आतंकवादी हमलों और 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट पर हुए हवाई हमलों के कुछ ही दिनों बाद बालाकोट, सर्जिकल स्ट्राइक 2.0, पुलवामा अटैक और अभिनंदन जैसे नामों को दर्ज करने के लिए बॉलीवुड प्रोड्यूसर की लाइन लगी है।
इनमें से कई शीर्षकों को बिना किसी स्क्रिप्ट के रजिस्टर किया गया था और इस पर एक फिल्म या वेब सीरीज बनाने की योजना तैयार की जा रही है। ये शीषर्क इसलिए रजिस्टर किए जा रहे थे ताकि भविष्य में कॉपीराइट के बाद इसे बेचा जा सके।
फिल्म तो बननी ही थी ये तो पक्का था लेकिन लग रहा था कि अभी कुछ वक्त तो लगेगा ही। लेकिन हैरानी की बात यह है कि संजय लीला भंसाली ने टी-सीरीज़ के साथ मिलकर एयरस्ट्राइक पर मूवी बनाने की घोषणा कर दी है जिसको अभिषेक कपूर निर्देशित करेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार फिल्म की कास्टिंग अभी प्रक्रिया में है और प्रोजेक्ट पहले से ही अपने रिसर्च एंड डेवलपमेंट फेज में है।
जबकि निर्माताओं का दावा है कि फिल्म भारतीय वायुसेना को ट्रिब्यूट देगी। बड़ा रहस्य तो यही है कि फिल्म के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट टीम क्या कर रही होगी जहां अभी तक बालाकोट में हुए हमले को लेकर कोई क्लीयरिटी नहीं है।
शुरू में पता नहीं कौनसे “सूत्र” के हवाले से बताया जा रहा था कि एयरस्ट्राइक में 300 आतंकी मारे गए थे लेकिन एयर फोर्स द्वारा ऐसी किसी भी बात की पु्ष्टि नहीं की गई है।
अगर बात करें अंतरराष्ट्रीय मीडिया की तो कई तरह की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया है कि बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक में इतनी बड़ी केजुएलिटी सामने नहीं आई और एक आदमी घायल हुआ।
दूसरी ओर 3 मार्च को अमित शाह ने घोषणा की कि बालाकोट में वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों में 250 से अधिक आतंकवादी मारे गए। हालांकि उसी दिन, केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया ने कहा कि भारतीय वायु सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार किए गए हवाई हमलों का मुख्य उद्देश्य यह संदेश देना था कि यदि स्थिति हो तो भारत पाकिस्तान के अंदर घुसकर हमला कर सकता है।
अहलूवालिया ने कहा कि न तो प्रधानमंत्री और न ही भाजपा के किसी प्रवक्ता या किसी रक्षा अधिकारी ने कोई आंकड़े दिए हैं और बिना कन्फर्म की हुए आंकड़े ही सर्कुलेट किए जा रहे हैं।
हवाई हमलों के बारे में नई जानकारी 4 मार्च को सामने आई जब एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने कोयंबटूर में मीडिया को संबोधित किया। धनोआ ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने सफलता पूर्वक एयरस्ट्राइक की। हालांकि उन्होंने मरने वालों की संख्या के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जिसे “सरकार का विशेषाधिकार” कहा गया।
आप देख सकते हैं कि एक तरफ इंटरनेशनल मीडिया कह रहा है कि एयरस्ट्राइक में कोई मारा नहीं गया और दूसरी तरफ इंडियन अधिकारी इस पर किसी तरह की टिप्पणी करना नहीं चाहते।
फिर भी बिना किसी जानकारी और कन्फर्मेशन के संजय लीला भंसाली एंड टीम को मूवी बनाने में कोई दिक्कत नहीं आ रही। उन्हें उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक जैसी मूवीज दिखाई दे रही हैं जो बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर रही हैं। तथ्यों की कमी है लेकिन बॉलीवुड फिर भी इस पर मूवी क्यों बनाना चाहते हैं?
सही बात यही है कि कोई भी फिल्म हो जो पुलवामा या बालाकोट के सही तथ्यों और जानकारी को नहीं जानती होगी, बच कैसे निकलेंगी? वो ऐसे कि फिल्म से पहले लिखा आएगा” सत्य घटनाओं पर आधारित”।
इस लाइन को बोलकर फिल्म निर्माताओं को एक लाइसेंस मिलता है कि वे कितनी भी मात्रा में इस घटना में काल्पनिक चीजें डाल सकेंगे जिसकी जानकारी शायद पब्लिक डोमेन या किसी को भी पता नहीं हो।
इसलिए जब एयरस्ट्राइक पर किसी भी तरह की फिल्म बनेगी तो इसमें इस स्ट्राइक को एक सफल अभियान के रूप में दिखाया जाएगा चाहे खबर के सूत्र या सोर्स फेक ही क्यों ना हों। आखिर प्रोडक्शन की नजर बॉक्स ऑफिस पर ही होती है।
उरी के प्रोडक्शन को ही देख लीजिए।
सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी फिल्म ने 200 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की। बॉलीवुड में अब निश्चित रूप से जोश अधिक है। वे सरकार की तुलना में बालाकोट हवाई हमलों के बारे में अधिक क्यों जानते हैं? इसका जवाब तो शायद वे खुद ना दे सकें।