सरकार ने दिया जासूसी का लाइसेंस: 10 जांच एजेंसियां अब रखेंगी आपके कंप्यूटर पर नजर

Views : 3918  |  0 minutes read

इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर NIA तक 10 केंद्रीय एजेंसियों को अब जासूसी करने का लाइसेंस मिल गया है। ये एजेंसियां अब किसी भी कंप्यूटर में मौजूद, रिसीव और स्टोर्ड डेटा समेत अन्य जानकारियों की निगरानी, इंटरसेप्ट और डिक्रिप्ट कर सकती हैं।

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आदेश के अनुसार, 10 एजेंसियों के पास अधिकार है कि वे किसी भी कंप्यूटर के डेटा को चेक कर सकती हैं। गृह मंत्रालय ने आईटी एक्ट, 2000 के 69 (1) के तहत यह आदेश दिया है, जिसमें कहा गया है कि भारत की एकता और अखंडता के अलावा देश की रक्षा और शासन व्यवस्था बनाए रखने के लिहाज से जरूरी लगे तो केंद्र सरकार किसी एजेंसी को जांच के लिए आपके कंप्यूटर को एक्सेस करने की इजाजत दे सकती है।

इन एजेंसियों में इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल टैक्स बोर्ड, राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, केबिनेट सचिवालय (आर एंड एडब्ल्यू), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस (जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट और आसाम के क्षेत्रों के लिए) और पुलिस आयुक्त, दिल्ली का नाम शामिल है।

ऑरवेलियन स्टेट की ओर अग्रसर हो रहा है भारत

इस आदेश के अनुसार सभी सब्सक्राइबर या सर्विस प्रोवाइडर और कंप्यूटर के मालिकों को जांच एजेंसियों को तकनीकी सहयोग देना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर 7 साल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। टेलिग्राफ एक्ट की तरह ही आईटी एक्ट में भी डिजिटल डेटा को इंटरसेप्ट करने का कोई स्कोप नहीं है।

 

वहीं कांग्रेस के कई नेता इसे मनमाना और खतरनाक फैसला बता रहे हैं। गृह मंत्रालय के इस आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व गृहमंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि अभी उन्हें इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा किया जा रहा है तो समझ लीजिए भारत ऑरवेलियन स्टेट की ओर अग्रसर हो रहा है। जॉर्ज ऑरवेल ने ऑरवेलियन स्टेट की तुलना एक ऐसी परिस्थिती से की थी, जो हमारे समाज के लिए विध्वंसक है।

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। पटेल ने कहा कि इन एजेंसियों को फोन टैप करने, कंप्यूटर्स चेक करने की छूट देना खतरनाक है। ऐसी ताकतों का हमेशा दुरुपयोग होता है।

COMMENT