फिट रहने की चाहत हम सभी के अंदर होती है कि लेकिन व्यस्त शेड्यूल के कारण हम अक्सर अपनी इस चाहत से चीटिंग कर लेते हैं। नतीजन अनफिट बॉडी को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं। लेकिन यदि आप में थोड़ी इच्छाशक्ति है तो हम आप खुद को फिट और हैल्दी रख सकते हैं। हम बात कर रहे हैं HIIT की यानी High intensity interval training. यह एक ऐसी ट्रेनिंग है जो सबसे ज्यादा कैलोरी बर्न करती है। साथ ही इसके करने के 48 से 72 घंटों तक शरीर में कैलोरी बर्न करने की प्रक्रिया चलती रहती है। आइए आपको बताते हैं कि एक्सरसाइज का यह फार्म किस तरह आपके लिए हैल्पफुल है।
यह एक तरह से दौड़ का ही अपडेट रूप है, जिसमें ब्रेक लेते हुए कैलोरी बर्न की जाती है। इसमें रनिंग के साथ दूसरी एक्सरसाइज को भी एड किया जाता है। जैसे जम्पिंग, स्क्वेट्स, हिल स्प्रिंट्स, बेटल रोप, स्लेड पुशेश, जम्पिंग लंग्स, साइड लंग्स, माउंटेन क्लाइम्बिंग आदि। इसकी एक खासियत यह है कि इसमें किसी तरह के इक्विपमेंट की जरूरत नहीं पड़ती। कुछ समय निकालकर आप इसेे कभी भी कर सकते हैं।
हाई इंटेसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) विशेष रूप से प्रति मिनट सबसे अधिक कैलोरी जलाता है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, लोग अन्य व्यायामों की तुलना में दौड़कर अधिक कैलोरी खर्च करते हैं। ऐसे में दौड़ का यह अपडेट एक्सरसाइज तरीका लोगों को वेट रिड्यूस करने में बहुत मदद करता है। यह एक्सरसाइज एक साथ कई मांसपेशियों को एक्टिव करती है और बाद में ठीक होने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसे ‘आफ्टरबर्न प्रभाव’ के रूप में भी जाना जाता है।
भोजन की इच्छा को कम करता है HIIT
आपने महसूस किया होगा कि व्यायाम करने के बाद आपको भूख लगती है, लेकिन HIIT इससे निपटने में आपकी मदद करता है। यह भूख को दबाता है और आपको कम खाने में मदद करता है। जब आप कम खाते हैं तो आपकी कैलोरी की मात्रा धीरे-धीरे कम हो जाती है और इसलिए यह वजन घटाने में सहायता करता है।
कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि HIIT आपकी भूख कम करता है और आपको कम भोजन लेने में मदद करता है। दौड़ का यह रूप भूख को बढ़ाने वाले हार्माेन ‘ग्रेलिन’ के स्तर को दबा देता है और पेप्टाइड जैसे अधिक भूख शांत करने वाले हार्माेन का उत्पादन करता है।
ये हैं इसके फायदे
— तेजी से वजन घटाने में मददगार
— हार्ट को हैल्दी रखने में सहायक
— इससे सिर्फ वेट लूज होता है मसल्स नहीं
— मेटाबॉलिज्म बढ़ता है
— ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है