बर्थडे: राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र पंजाबी गायक हैं गुरदास मान

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Gurdas-Maan-Biography

पंजाबी सॉन्ग्स इन दिनों बॉलीवुड और एलबम्स का अहम हिस्सा बन चुके हैं। पंजाबी तड़का जब तक नहीं होता तब आजकल के यूथ को फील नहीं मिलता। यदि पंजाबी गायकों की बात की जाए तो नए जमाने के कई गायक हैं,  लेकिन पुराने दिल छू लेने वाले गायकों की बात की जाए तो गुरदास मान का नाम जरूर आता है। 4 जनवरी 1957 को पंजाब के गिद्दड़बाहा में जन्में गुरदास अब भी गायिकी में सक्रिय हैं। गुरदास ना सिर्फ पंजाब में बल्कि पूरी दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है। उनके फैंस उन्हें प्यार से बाबा बुलाते हैं। उनकी गायिकी इतनी दिलकश होती है कि वे जो भी गाना गाते हैं सुनने वालों को जरूर पसंद आता है। इस खास मौके पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ रोचक बातें…

दारू और लड़की के नाम पर नहीं बेचते गाने

आजकल के पंजाबी सिंगर्स के गाने में एक बात कॉमन होती है दारू और लड़की। लेकिन गुरदास ने कभी भी अपने गानों को हिट करवाने के लिए लड़की और दारू शब्दों का प्रयोग नहीं किया। उनके गानों की खासियत उनके लिरिक्स होते हैं, जिनके पीछे कई बातें छिपी होती हैं। वे समाज से जुड़ी बातों को अपने गानों के जरिए दर्शाने की कोशिश करते हैं। उनके अनुसार गानों के जरिए समस्याओं को बहुत बेहतरी से सबके सामने रखा जा सकता है।

यूं मिली थी पहली पहचान

गुरदास मान असली सफलता दूरदर्शन ने दिलाई थी। 1980 में आए उनके गाने ‘दिल दा मामला है…’ से उनको पहचान मिली थी। दूरदर्शन पर इस गाने को दिखाया गया था और वह रातों रात सुपरस्टार बन गए थे। इस गाने पर टीवी का एक मशहूर शो भी बना था और जसपाल भट्टी ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘फ्लॉप शो’ में इसे इस्तेमाल किया था।

सोशल वर्क में रहते हैं आगे

अपने गानों से समाज में बदलाव लाने की कोशिश करने वाले गुरदास मान जब भी कोई कॉन्सर्ट करते हैं तो कमाई का कुछ हिस्सा चैरिटी में देते हैं। वे कई सालों से यह काम कर रहे हैं। इसके अलावा वे कई कलाकारों के गॉडफादर भी हैं इनमें दलेर मेहंदी, कपिल शर्मा, सोनू सूद आदि शामिल हैं।

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