200 करोड़ की शादी के वेस्ट को ठिकाने लगाने के लिए कितना खर्च कर रहे हैं गुप्ता ब्रदर्स?

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दक्षिण अफ्रीका में बिजनेसमैन एनआरआई गुप्ता ब्रदर्स के दो बेटों की शाही शादी पिछले दिनों उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली में हुई थी। इस लग्जरी शादी पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जिसकी वजह से यह शादी देशभर में चर्चा का केन्द्र बनी। शादी के बाद आयोजन स्थल पर भारी मात्रा में जमा कचरे को लेकर विवाद हो चुका है। अब गुप्ता परिवार ने औली नगर निगम में उपभोक्ता राशि के तौर पर 54 हजार रुपये जमा करवाए हैं ताकि कूड़ा हटाया जा सके।

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करीब 250 क्विंटल कूड़े का अब तक हुआ निस्तारण

गुप्ता परिवार की इस शाही शादी के बाद नगर पालिका जोशीमठ द्वारा औली से अभी तक करीब 250 क्विंटल कूड़े का निस्तारण किया जा चुका है। जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार ने बताया कि इस कार्य में 20 कर्मचारियों के अतिरिक्त श्रमिक भी लगाए गए हैं। अभी पूरी सफाई में एक से दो दिन और लग सकते हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को पालिका ने 47 क्विंटल कूड़े का निस्तारण किया। दस नंबर टावर से लेकर क्लिप टॉप क्लब तक कई जगहों पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जिसका ट्रकों से निस्तारण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि औली में हुई इस लग्जरी शादी के तैयार की टेंट कॉलोनियों को अभी तक भी उखाड़ा जा रहा है।

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निगम को पूरा पैसा और एक गाड़ी देगा गुप्ता परिवार

जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष पंवार ने कहा कि विवाह स्थल की सफाई पूरी होने के बाद पूरे खर्च का बिल गुप्ता परिवार को भेजा जाएगा। इसमें मजदूर और गाड़ियों पर व्यय भी शामिल होगा। उन्होंने बताया कि गुप्ता परिवार ने पूरा पैसा और नगर निगम को एक गाड़ी देने की बात कही है। बता दें, औली में गुप्ता ब्रदर्स के दो बेटों का शादी समारोह 18 से 22 जून तक आयोजित किया गया था। शादी के बाद यहां अब टेंट कॉलोनी, शादी मंडप, स्वागत कक्ष, रसोई घर और स्टेज सेट उखाड़ने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। दरअसल, समारोह स्थल पर जमा हुआ कचरा निगम के लिए चुनौती बन गया था। इसके लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई थी। विवाद बढ़ता देख निगम ने साफ-सफाई शुरू करवाई।

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दूसरी तरफ इस शाही शादी के संपन्न होने के बाद अब सबकी निगाहें आयोजन से औली को हुए नफा-नुकसान पर टिकी हैं। जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इसकी रिपोर्ट नैनीताल हाई कोर्ट में पेश की जाएगी। हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन को 7 जुलाई, 2019 तक शादी से पर्यावरण को हुए नुकसान पर अपनी रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किया था।

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