केंद्र सरकार ने 19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान 17 विधेयक पेश करने की तैयारी कर ली है। इनमें से तीन विधेयक मौजूदा अध्यादेशों की जगह लाए जाएंगे। बता दें कि संसद का सत्र शुरू होने के 42 दिन के अंदर किसी भी अध्यादेश की जगह विधेयक पेश कराना अनिवार्य होता है। जानकारी के अनुसार, इस मानसून सत्र में पेश होने वाले तीन अध्यादेशों में से एक आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 है, जो 30 जून को ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्डों को पुनर्गठित कर कंपनियों में बदलने के आदेश के खिलाफ कर्मचारी संगठनों को जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से रोकने को लाया गया था। इस अध्यादेश की जगह लेने के लिए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक पेश किया जाएगा। इसके अलावा दो अन्य महत्वपूर्ण अध्यादेश भी हैं।
दिवालिया व बैंककरप्सी कोड (संशोधन) बिल भी पेश होगा
हाल में 12 जुलाई को जारी हुए लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और नजदीकी क्षेत्र विधेयक, 2021 भी एक अध्यादेश की जगह लेगा। केंद्र सरकार के मुताबिक, यह अध्यादेश एनसीआर व आसपास के क्षेत्रों में सीमित उपायों के बजाय वायु प्रदूषण से निपटने के लिए स्व-विनियमित और लोकतांत्रिक तरीके से निगरानी वाला तंत्र स्थापित करने और प्रदूषण का स्थायी हल तलाशने में मदद देगा। इसके अलावा दिवालिया व बैंककरप्सी कोड (संशोधन) विधेयक, 2021 भी एक हाल ही में जारी अध्यादेश की जगह पेश किया जाएगा।
विद्युत से मानव तस्करी रोकथाम तक के लिए आएंगे विधेयक
इस बार मानसून सत्र-2021 के दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों में पेट्रोलियम व खनिज पदार्थ (संशोधन) विधेयक, विद्युत (संशोधन) विधेयक, इंडियन अंटार्कटिका विधेयक, मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण व पुनर्वास) जैसे विधेयक भी शामिल रहेंगे। इसके अलावा संसद के कई मेंबर भी जनसंख्या नियंत्रण, यूनियन सिविल कोड जैसे प्राइवेट बिल पेश करने की तैयार कर चुके हैं। इस बार के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। विपक्ष कोरोना, महंगाई समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
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