कोरोना की तीसरी लहर से पहले टीकाकरण के जरिए हर्ड इम्युनिटी विकसित करने का प्लान बना रही सरकार

Views : 1903  |  3 minutes read
Govt-Herd-Immunity-Plan

देश के कई राज्यों में लॉकडाउन जैसी पाबंधियां हटाने के बाद अब कोरोना महामारी की तीसरी लहर आने को लेकर चर्चाएं तेज हैं। केंद्र सरकार की एक समिति ने भी गणितीय मॉडल के आधार पर सितंबर में फिर से नए मामले बढ़ने और अक्टूबर-नवंबर के बीच तीसरी लहर का पीक आने तक की आशंका व्यक्त की है। हालांकि, इससे पहले ही सरकार ने हर्ड इम्युनिटी बनाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। सरकार वैक्सीनेशन के जरिए हर्ड इम्युनिटी विकसित करने पर ध्यान दे रही है, जिसमें मंगलवार को एक कामयाबी भी मिली। दरअसल, भारत में 30 फीसदी आबादी का एकल टीकाकरण पूरा हो चुका है। अब केंद्र सरकार ने सितंबर तक इस लक्ष्य को 50 फीसदी से अधिक ले जाने पर काम करने के लिए कहा है।

देश में 35 करोड़ पार पहुंचा कोरोना का टीकाकरण

जानकारी के अनुसार देश में अभी तक कुल टीकाकरण 35.75 करोड़ हुआ है, जिनमें से 35.43 करोड़ लोग खुराक ले चुके हैं। इनमें से 28.87 करोड़ ने पहली और 6.55 करोड़ ने दूसरी खुराक लेकर टीकाकरण पूरा किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की कुल आबादी 94 करोड़ है। इस आधार पर देखें तो छह जुलाई को देश में 30 फीसदी (28.2 करोड़) लोग पहली खुराक ले चुके हैं। इसी 94 करोड़ की आबादी में सितंबर माह तक कम से कम 45 से 50 करोड़ लोगों को कम से कम एक खुराक देने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।

संक्रमण की स्थिति समझने के लिए सीरो सर्वे का परिणाम बाकी

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश में एक बड़ी इसकी आबादी चपेट में आई है। संक्रमण की स्थिति समझने के लिए अभी चौथे सीरो सर्वे का परिणाम आना बाकी है, लेकिन उससे पहले वैक्सीनेशन के जरिए 18 वर्ष या उससे अधिक 30 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी विकसित हुई हैं। वैज्ञानिकों के अध्ययनों के अनुसार, वैक्सीन की एक खुराक के जरिए इम्युनिटी बनने लगती है और दूसरी खुराक उसे बूस्ट करने का काम करती है। एकल खुराक का टीकाकरण बढ़ने से संक्रमण की आगामी लहर पर यह असर पड़ेगा कि वह दूसरी लहर की तरह अधिक गंभीर नहीं होगी। हालांकि, मोदी सरकार इस कोशिश में भी लगी है कि दूसरी खुराक का टीकाकरण भी तेज किया जाए, ताकि कोरोना संक्रमण की आगामी लहरों से पहले उसका असर काफी हद तक हल्का कर दिया जाए।

Read Also: भारत की कोवाक्सिन अल्फा और डेल्टा वैरिएंट पर असरदार है: एनआईएच अमेरिका

COMMENT