जम्मू-कश्मीर के परिसीमन और चुनाव के लिए केंद्र प्रतिबद्ध है: गृहमंत्री शाह

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जम्मू-कश्मीर के आठ राजनीतिक दलों के चौदह नेताओं के साथ प्रधानमंत्री आवास पर गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्र सरकार ने अपना एजेंडा साफ कर दिया। सरकार ने कहा कि वह राज्य का संपूर्ण विकास चाहती है। बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर अपना एजेंडा साफ कर दिया। राज्य के नेता तथा राजनीतिक दल भले ही अनुच्छेद 370 के खत्म प्रावधान को बहाल करने की मांग करते रहे, लेकिन बैठक के बाद केंद्र सरकार ने स्पष्ट कह दिया कि वह राज्य के संपूर्ण विकास के लिए वचनबद्ध है। प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए जम्मू-कश्मीर में परिसीमन व चुनाव जरूरी हैं।

गृहमंत्री ने ट्वीट कर कहा- बहुत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई बैठक

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री आवास पर बैठक के बाद ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक बहुत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। सभी ने लोकतंत्र व संविधान के प्रति अपनी वचनबद्धता व्यक्त की। राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत करने पर जोर दिया गया।’ गृहमंत्री शाह के ट्वीट के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर आगे बढ़ रही है, ऐसे में पीछे मुड़ने का तो सवाल ही पैदा नहीं होना चाहिए। यानि केंद्र पहले वहां परिसीमन का कार्य करेगा। इससे राज्य के चुनाव क्षेत्रों का पुनर्गठन होगा। इसमें विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों में आमूल-चूल बदलाव हो सकते हैं। इसके बाद राज्य में विधानसभा चुनाव कर नई विधानसभा का गठन होगा।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि करीब दो साल पहले 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दिल्ली व पुड्डचेरी की तरह केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। इन दोनों ही राज्यों की अपनी विधानसभाएं भी हैं। इसी तर्ज पर वहां नए सिरे से विधानसभा गठित होगी।

अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला स्वीकार नहीं: उमर

जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में और उसके बाद मीडिया से चर्चा में पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से राज्य में अनुच्छेद 370 फिर से बहाल करने की मांग की। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता व पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री मोदी के सामने अनुच्छेद 370 पर हुए फैसले को लेकर निराशा जाहिर की। हमने उनसे कहा कि 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम अदालत के जरिए अनुच्छेद 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लडेंगे। लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्जा दिया जाए।

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