केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में अपराध कानूनों में व्यापक संशोधनों के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा में बताया कि इस काम में सभी हिस्सेदारों से विचार-विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपराध कानूनों में संशोधन समकालीन जरूरतों और एक लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार कानून बनाने के लिए एक सतत प्रक्रिया है।
अपराध कानूनों की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता
गृह राज्य मंत्री मिश्रा ने कहा कि गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी 111वीं, 128वीं और 146वीं रिपोर्ट में सिफारिश की है कि देश के अपराध कानूनों की व्यापत तौर पर समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि हितधारकों के अलग-अलग विचारों को देखते हुए इन कानूनों में संशोधन करना एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि यह पूरी प्रक्रिया काफी लंबी है और इस विधायी प्रक्रिया के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की जा सकती है।
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