केंद्र सरकार ने खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक, रक्षा सचिव, गृह सचिव और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) सचिव के कार्यकाल को दो साल तक आगे बढ़ाने के संबंध में गजट अधिसूचना जारी की है। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सोमवार को जारी एक अधिसूचना में कहा है, ‘सरकार जरूरी समझने पर आईबी निदेशक, रक्षा सचिव, गृह सचिव, रॉ सचिव को सेवा में ऐसी अवधि के लिए विस्तार दे सकती है।’ ये केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह अलग-अलग मामलों में कितना सेवा विस्तार देना उचित समझती है। हालांकि, ये अधिकतम दो साल हो सकता है। इसके साथ ही सेवा विस्तार के लिए लिखित में वजह भी बताना जरूरी होगा।
इससे पहले ईडी और सीबीआई निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाया
आपको जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने इससे पहले सीबीआई और ईडी के निदेशकों के कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया। गत रविवार को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दो अध्यादेशों को मंजूरी दीं। उन्होंने केंद्र सरकार को सीबीआई और ईडी के निदेशकों के कार्यकाल को दो साल से बढ़ाकर पांच साल करने की अनुमति दी है। केंद्र सरकार ने रक्षा सचिव, गृह सचिव, और आईबी, रॉ के प्रमुखों के पदों के लिए वर्ष 2005 में 2 साल का कार्यकाल तय किया था, जिसमें अब बदलाव कर दिया गया है।
CBI व ED निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने पर कांग्रेस का विरोध
उधर, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए सीबीआई और ईडी प्रमुखों के कार्यकाल बढ़ाए जाने के अध्यादेश का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ये न सिर्फ विरोधाभासी है, बल्कि गैरकानूनी भी है। सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1998 के जैन हवाला मामले के फैसले का खंडन करता है, जिसमें अदालत ने सीबीआई, ईडी निदेशक के कार्यकाल को जो साल के रूप में घोषित किया, जिससे केंद्र सरकार दोनों एजेंसियों को किसी भी गलत काम में मजबूर न कर सके।
तिवारी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह अध्यादेश इन दोनों एजेंसियों के अधिकारियों के लिए एक सीधा निर्देश है कि केंद्र ने आपको नियुक्त किया है। इसलिए जब तक आप हमारे लिए और हमारे अनुसार काम करते रहेंगे और विपक्ष पर शिकंजा कसते रहेंगे तब तक आपका कार्यकाल बढ़ता रहेगा। उन्होंने सभी दलों से अध्यादेश का विरोध करने की अपील की।
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