गोवा के 63 वर्षीय मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर लंबे समय से अग्न्याशय के कैंसर का इलाज करवा रहे थे। उनका 17 मार्च रविवार को शाम को इलाज के दौरान नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल में निधन हो गया।
बता दें गोवा के मुख्यमंत्री फरवरी 2018 से ही पेंक्रियाज कैंसर से पीड़ित हैं। तब से वह दिल्ली, न्यूयॉर्क, मुंबई और गोवा के अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं।
आइए जानते हैं पैन्क्रीऐटिक कैंसर क्या है,कैसे इसकी पहचान की जा सकती है और इससे बचाव के लिए किन चीजों का ख्याल रखना आवश्यक है।
पैन्क्रीऐटिक कैंसर क्या है?
- पैन्क्रीऐटिक कैंसर यानि अग्नाशय का कैंसर। अग्नाशय में कैंसर युक्त कोशिकाओं से होता है। यह मानव शरीर में पाचन के दौरान पाचक ग्रंथि के रूप में कार्य करने वाला महत्त्वपूर्ण अंग है।
- अधिकतर इस रोग से पीड़ितों की उम्र 60 साल से अधिक होती है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह बीमारी ज्यादा होती है।
- यह बीमारी लाल मांस और चर्बी वाले आहार के ज्यादा मात्रा में सेवन करने से होती है।
- धूम्रपान करने वालों में अग्नाशय कैंसर के होने के खतरा दो से तीन गुना तक बढ़ जाता है।
वहीं फलों और सब्जियों के सेवन से इसके होने की आशंका कम होती है।
पैन्क्रीऐटिक कैंसर के लक्षण
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द रहना,
- त्वचा, आंख और यूरिन का कलर पीला होना।
- भूख न लगना, जी मचलना और उल्टियां होना शामिल है।
- बचाव के लिए क्या करें।
- अचानक वजन में कमी आ जाना
- पाचन संबंधी समस्या
- त्वचा का रूखापन बढ़ना
बचाव के लिए क्या करें
- ताजे फलों का सेवन करें
- ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हरी सब्जियों का सेवन करने से लाभ होता है
- पैन्क्रीऐटिक कैंसर के इलाज में ब्रोकली काफी मददगार होती है। इसके अंकुरों में मौजूद फायटोकेमिकल कैंसर युक्त कोशाणुओं से लड़ने में सहायता करते हैं। यह एंटी ऑक्सीडेंट का भी काम करते हैं और रक्त के शुद्धिकरण में भी मदद करते हैं।
- अंगूर के सेवन से, उसमें उपस्थित पोरंथोसाईनिडींस से अग्नाशय कैंसर में लाभ मिलता है।
- ग्रीन टी का एक कप हर रोज पीना लाभकारी है।
- एलोवेरा, लहसुन और सोयाबीन के प्रयोग से भी यह बीमारी कम होती है।
- इस बीमारी से बचने के लिए लाल मांस (रेड मीट) और चर्बी वाले आहार का सेवन कम या बिलकुल नहीं करे।
- अगर उपरोक्त लक्षण नजर आये तो तुरंत कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श ले।
COMMENT