देश की सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने गुरूवार को राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ले ली है। इस दौरान कांग्रेस सहित विपक्ष के सांसदों ने विरोध व हंगामा कर सदन से वॉकआउट भी कर लिया। गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।
गोगोई ने अंग्रेजी में शपथ ली, सदस्यों का किया अभिवादन
पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अंग्रेजी में शपथ लेने के बाद सभापति व अन्य सदस्यों का अभिवादन किया। इस दौरान कई सदस्यों ने गोगोई को बधाई भी दी।
शपथ के दौरान विपक्ष ने किया हंगामा व विरोध
गुरूवार को जैसे ही रंजन गोगोई शपथ लेने के लिए निर्धारित जगह पर पहुंचने लगे उस दौरान कांग्रेस सहित विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह का व्यवहार बहुत गलत है और सदन में इस तरह नहीं होना चाहिए।
कानून मंत्री रवि शंकर ने भी कही ये बात
इधर सदन में पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य पद की शपथ लेने के दौरान कांग्रेस व विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जताई और कहा कि सदन की परंपरा रही है कि विभिन्न क्षेत्रों से लोग यहां आते हैं जिनमें गोगोई भी शामिल हो गए हैं।
जानिये कौन हैं गोगोई, सुनाए ये ऐतिहासिक फैसले
रंजन गोगोई भारत की सुप्रीम कोर्ट के 46वें चीफ जस्टिस पद पर रह चुके हैं और इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाये थे। गोगोई ने लंबित राम जन्म भूमि मामले में ऐतिहासिक निर्णय सुनाने के अलावा सुप्रीम कोर्ट में उन पीठों की भी अध्यक्षता की जिन्होंने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश आदि कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला दिए थे। गोगोई का जन्म असम में 18 नवंबर 1954 को हुआ था और उनके पिता केशब चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रहे थे। गोगोई पूर्वोत्तर राज्य के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।