भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी तड़के पाकिस्तान में आतंकी कैंपों पर जवाबी हमला किया जिसकी अधिकारिक जानकारी देने विदेश सचिव विजय गोखले सामने आए और वायु सेना के इस ताकतवर ऑपरेशन का पूरा ब्योरा दिया।
गोखले ने इस्लामाबाद को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि, “पाकिस्तान सरकार जनवरी 2004 से इस बात की प्रतिबद्धता जता रहा था कि भारत के खिलाफ आतंकवाद को अपनी मिट्टी या सरजमीं पर पनपने नहीं देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
विजय गोखले ने 29 जनवरी 2018 को विदेश सचिव का पदभार संभाला और तब से भारत की विदेश नीति को एक नई गति देने का काम कर रहे हैं।
गोखले ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि कैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान पर नजर रखी जाए। यह अक्सर कहा जाता है कि यह गोखले का ही एकमात्र प्रयास था जिसकी वजह से दुनिया भर में 58 देशों ने पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की। कुछ देशों ने पाकिस्तान को भी फटकारा और देश के भीतर आतंकवादी समूहों को पनाह नहीं देने के लिए कहा।
1981 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी गोखले ने बीजिंग में डोकलाम मोर्चे पर भी अपने राजनयिक कौशल का परिचय दिया था।
2017 चीन भारत सीमा पर भारतीय सशस्त्र बलों और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच सैन्य सीमा गतिरोध बढ़ने लगा जिसे डोकलाम विवाद कहा गया। चीन में भारत के राजदूत के रूप में पदभार संभालते हुए गोखले ने बीजिंग में अपने कार्यकाल के दौरान, डोकलाम संकट अहम भूमिका निभाई थी।
यह गोखले के हस्तक्षेप और कूटनीति का ही परिणाम था कि 2017 के खत्म होते-होते डोकलाव विवाद समाप्त हो गया था। इसके अलावा सितंबर, 2018 में दिल्ली में पहले भारत-यूएस 2 +2 डायलॉग से पहले वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत में गोखले ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।