असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) नामक एक गैर-सरकारी संगठन ने राज्य के पूर्व एनआरसी संयोजक व आईएएस अधिकारी प्रतीक हजेला और अन्य के विरुद्ध राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के आरोप में अपराध जांच विभाग यानि सीआईडी में शिकायत दर्ज कराई है। एपीडब्ल्यू का आरोप है कि पूर्व एनआरसी संयोजक हजेला और अन्य ने दस्तावेज में कथित अवैध प्रवासियों के नाम भी जोड़े हैं। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एपीडब्ल्यू द्वारा याचिका दायर करने के बाद राज्य में एनआरसी अद्यतन करने का निर्णय लिया गया था।
असम-मेघालय कैडर के 1995 बैच के अधिकारी है हजेला
मालूम हो, एनआरसी असम में रहने वाले वास्तविक भारतीय नागरिकों का आधिकारिक दस्तावेज है और इसे उच्चतम न्यायालय की निगरानी में अद्यतन किया था तथा 31 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था। अद्यतन एनआरसी में 19 लाख से ज्यादा आवेदनकर्ताओं के नाम दर्ज नहीं थे। इसे अभी तक भारत के महारजिस्ट्रार ने अधिसूचित नहीं किया है। बता दें कि प्रतीक हजेला, असम-मेघालय कैडर के 1995 बैच के एक सीनियर आईएएस अधिकारी हैं और उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2013 में अस राज्य का एनआरसी संयोजक नियुक्त किया था।
शिकायतकर्ता की शिकायत के अनुसार, असम के एनआरसी संयोजक रहे हजेला और उनके नजदीकी सहयोगियों ने ‘प्रवासी पृष्ठभूमि वाले कुछ अधिकारियों, डेटा एंट्री ऑपरेटरों, कुछ अल्पसंख्यक नेताओं और कुछ राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथ मिलकर ‘परिवार वृक्ष’ सत्यापन प्रक्रिया में गड़बड़ी कर अद्यतन एनआरसी में अवैध प्रवासियों का नाम जोड़ दिया।
40 प्रतिशत नाम अवैध रहने वाले लोगों के हैं: शिकायतकर्ता
एपीडब्ल्यू संगठन के अध्यक्ष अभिजीत सरमा ने असम राज्य सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आईएएस प्रतीक हजेला का स्थानांतरण मध्यप्रदेश करने का आदेश दिया था और उन्हें 12 नवंबर, 2019 को एनआरसी राज्य संयोजक के प्रभार से मुक्त कर दिया गया था। उधर, एपीडब्ल्यू अध्यक्ष सरमा ने बुधवार को कहा था कि वर्तमान एनआरसी संयोजक ने सुप्रीम कोर्ट और गुवाहाटी हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि एनआरसी में गड़बड़ी हुई है और लगभग 40 प्रतिशत नाम अवैध रूप से रहने वाले और संदेहास्पद लोगों के हैं।
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