लगभग पांच दशकों में भारत की पहली महिला वित्तमंत्री, निर्मला सीतारमण ने कई अहम जिम्मेदारियां संभाली है। वो रक्षा मंत्री के तौर पर लड़ाकू विमान में बैठी तो व्यापार विभाग की प्रमुख रही। काफी दिनों तक पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रही। सफर की शुरूआत लंदन में एक सेल्सगर्ल का काम करके की थी।
अब 59 साल की सीतारमण अपने करियर के सबसे चुनौती भरे समय का सामना कर रही है। 31 मई को, नई दिल्ली में जब वो अपने नए कार्यालय में आई तो कुछ ही घंटों के भीतर, उन्हें इस साल की सबसे खराब आर्थिक खबर दी गई।
बेरोजगारी दर ने 45 साल के सबसे ऊंचे स्तर को छू लिया था, और भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का टैग को खो दिया था।
5 जुलाई को, सीतारमण अपनी नई भूमिका में पहली बार देश का बजट पेश करने जा रही है, ऐसे समय में यह बजट पेश हो रहा है जब अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार दबाव में है। इसके अलावा इस बजट में उन्हें जीडीपी के 3.4% के कम राष्ट्रीय घाटे को ध्यान में रखना होगा।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि नए मंत्री फाइनेंस वर्ल्ड से इतना जुड़े हुए नहीं है। उनके आलोचकों का कहना है कि ये सभी केवल वो व्यक्ति हैं जिन्हें प्रधानमंत्री ने अपनी मर्जी से विभागों में बिठाया है।
लंदन से वित्त मंत्री तक
दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के प्राचीन शहर मदुरै में जन्मी सीतारमण ने भारत के नामी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इकॉनोमी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। वह अपने पति से कैंपस में ही मिलीं और बाद में उनके साथ लंदन चली गईं। बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार के मुताबिक, लंदन जाकर रीजेंट स्ट्रीट पर एक इंटीरियर डिजाइनर की दुकान पर सीतारमण ने सेल्सगर्ल के रूप में काम किया।
सीतारमण ने 1990 के शुरुआती दिनों में भारत लौटने से पहले लंदन में एक ऑडिट फर्म में काम करने लगी। 2008 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन किया। उन्होंने पार्टी और सरकार के भीतर तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मोदी और अरुण जेटली दोनों के विश्वसनीय सहयोगी के रूप में बहुत जल्दी सीतारमण ने सभी के दिलों में अपनी जगह बनाई।
जेटली, उनके राजनीतिक गुरु, ने बीमार होने के कारण नए कैबिनेट मंत्री का पद नहीं लिया। अधिकारियों के अनुसार, सीतारमण जब वित्त मंत्री के बनकर पहली बार कार्यालय पहुंची तो जेटली की कुर्सी पर बैठने में उन्हें थोड़ा संकोच हुआ।
रक्षा मंत्री के रूप में सीतारमण ने राजकोषीय घाटे को ध्यान में रखते हुए पूरे बजट को सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने में खर्च किया। वहीं मई 2014 से सितंबर 2017 तक वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में सीतारमण ने वैश्विक आर्थिक दबावों के बीच निर्यात में कमी को देखा।
निजी जिंदगी में कैसी है सीतारमण
काम के अलावा, सीतारमण सभी तरह की पारिवारिक रस्मों और त्योहारों का जश्न मनाती है जिसके बारे में वो सोशल मीडिया पर बताती है। कुछ समय पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के रूप में सीतारमण ने महिलाओं के लिए आर्थिक नीतियों पर खूब काम किया। वो हर घटना से खुद सीधे जुड़ जाती थी।
उनके साथ काम किए हुए लोग बताते हैं कि वो एक अच्छी श्रोता है। इसके अलावा वो जटिलताओं को दूर करने का साहस रखती है।
अपनी नियुक्ति के बाद से ही, सीतारमण रोज़ाना अपने कार्यालय में लंबे समय तक काम करती हैं, अक्सर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, वो हर तरह के सुझावों को सुनती हैं। जब तक कोई विषय पूरी तरह से समझ नहीं आता, तब तक वह बार-बार सवाल पूछती रहती है।
आने वाली 5 जुलाई को निर्मला सीतारमण बजट पेश करने जा रही है, देखना होगा कि वो आर्थिक नीतियों को मजबूती देने के लिए किस तरह खाका तैयार करती है।