कामदेव पान: किसान के बेटे का कमाल, एलईडी बल्ब बनाया बेमिसाल

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कुछ कर दिखाने का माद्दा रखने वाला व्यक्ति अपनी नाकामियों से डरता नहीं है। उसे पता होता है कि एक दिन जुनून के आगे असफलता को झुकना ही पड़ेगा। देर से ही सही मगर सच्चे प्रयासों को कामयाबी मिलती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है झारखंड राज्य के एक किसान के बेटे कामदेव पान ने। राज्य के सकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड स्थित सुदूर गांव बासुड़दा के रहने वाले कामदेव ने अपनी प्रतिभा से दुनिया को परिचित करा दिया है। किसान परिवार में जन्मे कामदेव ने मल्टी वॉट एलईडी बल्ब डिजाइन किया है, जो अब तक नहीं बन सका था।

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तीन अलग-अलग पावर की रोशनी देता है बल्ब

24 वर्षीय कामदेव पान ने मल्टी वॉट एलईडी बल्ब डिजाइन करके सबको हैरान कर दिया है। साधारण बैकग्राउंड से आने वाले इस प्रतिभाशाली युवा ने जो मल्टी वॉट एलईडी बल्ब डिजाइन किया है, वह स्विच ऑन-ऑफ करने पर 3, 9 और 12 पावर वॉट की रोशनी देता है। यह एलईडी बल्ब आवश्यकता अनुसार अलग-अलग पावर वॉट पर काम करता है। इसके साथ ही कामदेव ने कम कीमत वाला इन्वर्टर बल्ब भी तैयार किया है, जिसे टॉर्च की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। अब कामदेव को अपने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए मदद का इंतजार है।

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यूं आया अलग-अलग पावर वॉट पर काम करने वाले बल्ब का आइडिया

झारखंड के एक छोटे से गांव के साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले कामदेव ने अपना जीवन सुविधाओं और संसाधनों के नितांत अभाव में बिताया। पढ़ाई करते हुए कामदेव ने अपने लक्ष्य को सबसे आगे रखा और उसी के अनुरूप आगे बढ़ते रहे। यहां तक कि परिवार के आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण परिवार के सदस्यों के पालन के लिए उन्हें साकची बाज़ार में इमरजेंसी लाइट बेचनी पड़ी। इस दौरान ही बाज़ार में एलईडी लाइट चलन में आई थी। कामदेव ने फ्यूज एलईडी बनाने का काम शुरु कर दिया। इसके बाद उन्होंने कम कीमत पर नया एलईडी बनाने की सोची और इस दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए।

कामदेव जब बाज़ार में लोगों को अलग-अलग कमरों के लिए अलग-अलग वॉट के बल्ब खरीदते देखते थे, तो विचार आया कि एक ही बल्ब यह काम करे और मांग के हिसाब से रोशनी मिल जाए तो अलग-अलग बल्ब खरीदने की जरूरत नहीं होगी। इसी सोच पर उन्होंने अपना रात-दिन लगाया और इसे हकीकत में बदलकर दुनिया को दिखा दिया।

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स्विच ऑन-ऑफ करने पर बदलती है रोशनी, बाजार में बढ़ने लगी मांग

कामदेव द्वारा ईजाद किए गए इस एलईडी बल्ब से तीन अलग-अलग वॉट की रोशनी के लिए तीन आइसी (इंटीग्रेटेड सर्किट) का इस्तेमाल किया गया है। जिस प्रकार तेज या कम हवा के लिए पंखे का रेगुलेटर काम करता है उसी प्रकार इस बल्ब में रेगुलेटर की जगह एक स्विच काम करता है। स्विच ऑन-ऑफ करने पर बल्ब अलग-अलग वॉट की रोशनी देता है। कामदेव को मिली इस सफलता के बाद उनके बनाए बल्बों की मांग बाजार में बढ़ने लगी है। उन्होंने तीन अलग-अलग वॉट की रोशनी देने वाले मल्टी वॉट बल्ब और इन्वर्टर बल्ब दोनों की कीमतें 200 रुपए रखी है।

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उल्लेखनीय है कि कामदेव फिलहाल जमशेदपुर के साकची में अपनी पत्नी और एक बेटे के साथ रहते हैं। जबकि पांच भाइयों में सबसे छोटे कामदेव के पिता विश्वनाथ अपने गांव बासुड़दा में खेती का पुश्तैनी काम करते हैं। बता दें, कामदेव इससे पहले मात्र 6 हजार रुपए की लागत से बैटरी से चलने वाली साइकिल और बाइक बना चुके हैं। वह झारंखड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, जमेशदपुर सांसद, विधायक और जिला कलेक्टर से मुलाकात कर अपने इनोवेशन को प्रदर्शित कर चुके हैं।

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