शब्दों के जादूगर जावेद अख़्तर के बर्थडे पर पढ़िये उनके बेहतरीन शेर…

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Javed-Akhtar-Biography

साहित्य की दुनिया में शब्दों के जादूगर कहे जाने वाले प्रसिद्ध गीतकार, कवि व लेखक जावेद अख्तर आज अपना 77वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 17 जनवरी, 1945 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ। जावेद को उनके बेहतरीन लेखन के लिए जाना जाता है। वे कई फिल्मों की स्क्रिप्ट लिख चुके हैं, जिनमें ‘शोले’, ‘दीवार’ जैसी फिल्में भी शामिल है। बाद में उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम रखा और कई गानों को अपनी करिश्माई कलम का रूप दिया। बॉलीवुड फिल्मों के लिए लिखे उनके कई गाने खूब हिट हुए। जावेद अख़्तर एक बड़े शायर भी हैं। वे अपने बयानों के कारण कई बार कंट्रोवर्सी में फंंस चुके हैं। इस ख़ास मौके पर पढ़िये उनके कुछ बेहतरीन शेर…

Javed-Akhtar-

कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है….

“इन चराग़ों में तेल ही कम था
क्यूँ गिला फिर हमें हवा से रहे”

“कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है
मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी”

“डर हम को भी लगता है रास्ते के सन्नाटे से
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा”

“ऊँची इमारतों से मकाँ मेरा घिर गया
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए”

“इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं
होंटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं”

“हम तो बचपन में भी अकेले थे
सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे”

“तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है”

“तुम ये कहते हो कि मैं ग़ैर हूँ फिर भी शायद
निकल आए कोई पहचान ज़रा देख तो लो”

“उस की आँखों में भी काजल फैल रहा है
मैं भी मुड़ के जाते जाते देख रहा हूँ”

“इक मोहब्बत की ये तस्वीर है दो रंगों में
शौक़ सब मेरा है और सारी हया उस की है”

“है पाश पाश मगर फिर भी मुस्कुराता है
वो चेहरा जैसे हो टूटे हुए खिलौने का”

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